दिल्ली की आप सरकार अक्सर अपने शिक्षा मॉडल को लेकर बड़े-बड़े दावे करती नजर आती है, लेकिन असम सरकार में एक मंत्री ने इसे फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली मॉडल स्कूल का समय-समय पर भंडाफोड किया गया है। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असम सरकार को सलाह दी थी कि स्कूलों को बंद करने के बजाय शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना चाहिए।

दरअसल, असम सरकार ने राज्य के 34 स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है क्योंकि इन स्कूलों के 1000 छात्रों में से किसी ने भी 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास नहीं की।

इस पर केजरीवाल ने असम सरकार पर तंज कसा कि स्कूलों को बंद करना हल नहीं है, बल्कि देश में और ज्यादा स्कूल खोलने की जरूरत है। स्कूलों को बंद करने के बजाय उनका सुधार होना चाहिए और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जानी चाहिए।

केजरीवाल के इस ट्वीट पर असम सरकार में मंत्री पीजूष हजारिक भड़क गए और कहा, “पहली बात तो ये है कि असम में स्कूलों को बंद नहीं किया जा रहा है, बल्कि समग्र शैक्षिक वातावरण में सुधार के लिए समायोजित किया जा रहा है! दूसरी बात, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को शैक्षिक उत्थान पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि समय-समय पर उनके फर्जी ‘स्कूल मॉडल’ का भंडाफोड़ किया गया है।”

उन्होंने दिल्ली में शिक्षा की गुणवत्ता को खराब करने का दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली में कक्षा 10 में पास पर्सेंटेज 2011 में 90.09 प्रतिशत था, जो आप सरकार में 2022 में घटकर 81.27 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि आप सरकार के शिक्षा मॉडल ने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को खराब कर दिया है। दिल्ली का महान स्कूल मॉडल पुडुचेरी की तुलना में हर तरह से खराब है। केजरीवाल को कुछ सीखने के लिए असम का दौरा करना चाहिए।

बता दें कि असम सरकार ने उन स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है, जिनका पास प्रतिशत शून्य था, लेकिन इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्हें नजदीकी हाई स्कूलों में एडमिशन लेने का मौका दिया जाएगा।