Lok Sabha Election Result 2019 का ऐलान होते ही गैर-एनडीए दलों में इस्तीफों की सियासत शुरू हो गई। इनमें सबसे बड़ा नाम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का रहा। सिर्फ 52 सीटों पर जीतने और गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में खुद की ही सीट हार जाने से दुखी राहुल ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, जिसे पार्टी के दिग्गज नेताओं ने एक सुर में नामंजूर कर दिया। राहुल के इस्तीफे को लेकर असम बीजेपी के बड़े नेता हेमंत बिस्वा शर्मा ने चुटकी ली है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम तो चाहते हैं कि राहुल गांधी अगले 50 सालों तक कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रहें।’

राहुल के बिना ज्यादा मजबूत होगा विपक्षः लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद कुछ साल पहले बीजेपी में आए शर्मा ने कहा, ‘संसद में विपक्ष के लिए जगह होनी चाहिए। अगर राहुल गांधी वहां नहीं होंगे तो ज्यादा अच्छे विपक्ष की संभावना होगी। लेकिन अगर मैं देश के नहीं बीजेपी के दृष्टिकोण से देखूं तो हम चाहेंगे कि राहुल गांधी को अगले 50 सालों तक कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहना चाहिए।’

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शर्तों के साथ मान गए राहुल? सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने काफी मान-मनौव्वल के बाद पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने की मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने कुछ शर्तें भी रखी हैं। हालांकि शर्तों का खुलासा नहीं हो पाया। राहुल की तरफ से इस्तीफे की पेशकश के बाद से ही देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं और गैर-कांग्रेसी दलों के भी कई दिग्गज नेताओं ने राहुल से पद पर बने रहने की अपील की थी। इनमें रजनीकांत और एमके स्टालिन जैसे नाम भी शामिल रहे। जौनपुर से यूथ कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने तो उन्हें खून से लिखा खत भेजकर भी अध्यक्ष पद पर बने रहने की अपील की थी।