देशभर में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच संक्रमितों की पहचान के लिए टेस्टिंग के आंकड़े अब तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि, भारत में कोरोना पीड़ितों की ट्रेसिंग का मसला अब भी प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस बीच मध्य प्रदेश के खरगौन से एक डराने वाली खबर सामने आ रही है। बताया गया है कि यहां एक गांव के आंगनवाड़ी केंद्र में काम करने वाली आशा वर्कर कोरोना पॉजिटिव मिली है। चिंता की बात यह है कि इस आशा वर्कर ने कुछ दिनों पहले ही 5 साल तक के 70 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई थी। अब इस खबर के सामने आने के बाद गांव में हड़कंप मच गया है।

खरगौन जिला मुख्यालय से 17 किमी दूर बरुड़ गांव में तैनात आयुष डॉक्टर ने इस आशा वर्कर के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार (24 जुलाई) को ही आशा वर्करों ने गांव के महाकाल मंदिर के सामने 70 बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी थी। इस अभियान में कोरोना पॉजिटिव पाई गई वर्कर भी शामिल थी। फिलहाल उस महिला के संपर्क में आए 36 लोगों के सैंपल्स इकट्ठा कर लिए गए हैं। साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए अन्य संभावित संपर्कों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।

गांव की आयुष डॉक्टर प्रमिल रावत का कहना है कि आशा वर्कर के संक्रमित पाए जाने के बाद अब उन सभी के सैंपल्स लिए जाएंगे, जिन्हें उसने दवा पिलाई थी। महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे लेने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम पहुंची। फिलहाल इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाना है। दूसरी तरफ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि महिला ने दवा नहीं पिलाई थी, अगर ऐसा पाया जाता है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।