रेप केस में आजीवन जेल की सजा काट रहे आसाराम बापू को लेकर एक नया मामला सामने आया है। बीते कुछ समय से उनकी कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। जिसको लेकर विवाद छिड़ गया है। जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो में आसाराम बापू के विज्ञापन के पोस्टर लगाए गए थे। जिसको लेकर लोगों आपत्ति दर्ज कराई। लोगों की आपत्ति के बाद दिल्ली मेट्रो ने इस पर कार्रवाई करते हुए मेट्रो से आसाराम के विज्ञापन हटा दिए गए हैं। 

सोशल मीडिया पर वायरल किए गए तस्वीरों के अनुसार दिल्ली मेट्रो में पोस्टर लगाए गए थे। जिसपर 14 फरवरी को पेरेंट्स डे मनाने की बात कही गई थी। इस पोस्टर में आसाराम की फोटो भी लगाई गई थी। जिसको लेकर लोगों ने आपत्ति जताई। इसको लेकर दिल्ली मेट्रो ने पहले सोशल मीडिया पर जवाब में कहा, ‘डीएमआरसी ने लाइसेंसधारक को तत्काल निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे मेट्रो परिसर से इन विज्ञापनों को जल्द से जल्द हटा लें। इन विज्ञापनों को हटाने की प्रक्रिया आज रात से शुरू कर दी जाएगी। हालांकि, सिस्टम से इन्हें हटाने में कुछ समय लग सकता है।’

बाप-बेटे दोनों को आजीवन कारावास की सजा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आसाराम बापू पिछले 11 सालों से जेल में बंद हैं। आसाराम को गुजरात की गांधीनगर की अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ रेप मामले में सजा दी गई थी। जिसके बाद से ये राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। इसके साथ ही जोधपुर की अदालत ने भी आसाराम को दोषी ठहराया था। आसाराम के लिए राम जेठमलानी, सलमान खुर्शीद जैसे वकीलों ने कानूनी लड़ाई लड़ी। इतना ही नहीं आसाराम का बेटा नारायण साईं भी रेप के केस में आजीवन कैद की सजा काट रहा है।

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आसाराम पर दर्ज किए गए एफआईआर के मुताबिक नाबालिग लड़की के साथ साल 2001 से 2006 के बीच कई बार बलात्कार किया गया था। ये पूरी घटना अहमदाबाद में बने आसाराम के आश्रम में हुई थी। पीड़िता द्वारा दिए गए बयान के अनुसार आसाराम और उसके 7 अन्य सहयोगियों ने दुष्कर्म और अवैध तरीके से बंधक बनाया गया था। वहीं पीड़िता की बहन ने ही आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। जिसमें नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।