Assam Madrassa Demolition: असम में मदरसों को बुलडोजर से गिराए जाने के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान AIMIM चीफ ने कहा कि वहां तीन साल से मदरसा था। वहां के पढ़ाने वाले को आंतकी कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ओवैसी ने सवाल उठाया कि ठीक है कि आपने गिरफ्तार किया, लेकिन मदरसे को क्यों तोड़ा।
ओवैसी ने कहा कि मदरसों को तोड़ते हुए डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का नोटिस दिया। उन्होंने कहा कि तीन साल से सरकार क्या कर रही थी। 260 बच्चे वहां पढ़ रहे हैं। उनको मदरसों से निकालकर गांव के घरों में रखा गया। उन्होंने कहा कि कोई नोटिस देना ही था तो 12 घंटे पहले देते। यह प्रिंसिपल नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है।
AIMIM चीफ ने आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पब्लिक कलेक्टिव पनिशमेंट मुसलमानों को देना चाहते हैं। ओवैसी ने सवाल किया कि असम में कई टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन हैं, जो बैन हैं। सरकार ने कितने के घर तोड़े। ओवैसी ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि आप मदरसा कैसे तोड़ रहे हैं। जिस शक्स को आतंकी गतिविधियों में पकड़ा गया उसको सजा दिलावाइए, कोर्ट लेकर जाइए, लेकिन मदरसा तोड़ना गलत है।
बता दे, हाल ही में असम में मदरसा तोड़े जाने को लेकर एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) ने सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी दी थी। एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने धमकी देते हुए कहा था कि हम मदरसे तोड़े जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। अगर उन्होंने अपराध किया है तो उन्हें सजा दीजिए, अगर वो जिहादी हैं तो गिरफ्तार कीजिए, उन्हें मृत्यु दंड दीजिए पर इस सब में मदरसे को क्यों तोड़ा जा रहा है?” उन्होंने कहा, “हम इस मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा से मुलाकात करेंगे साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे।”
बता दें, 1 सितंबर को बोंगाईगांव जिले के एक तीसरे इस्लामिक स्कूल मरकजुल मा-आरिफ क्वारियाना मदरसा को एक शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद तोड़ दिया गया था। बताया जा रहा है कि शिक्षक कथित तौर पर एक्यूआईएस स्लीपर सेल मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था।