Asad Ahmed Encounter: माफिया डॉन, पूर्व सांसद और 100 से ज्यादा संगीन आपराधिक मामलों के आरोपी अतीक अहमद (Mafia Don Atiq Ahmed) के फरार और 5 लाख के इनामी बदमाश बेटे असद अहमद गुरुवार को झांसी में यूपी एसटीएफ (UP STF) के साथ एनकाउंटर में मारा गया। उत्तर प्रदेश पुलिस के 12 जाबांज जवानों की टीम ने उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड असद अहमद और शूटर गुलाम को झांसी में आपराधिक साजिश रचने के दौरान पकड़ने की कोशिश की थी। बाद में दोनों ओर से हुई फायरिंग में असद और गुलाम ढेर हो गया।

यूपी पुलिस के टॉप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ऑफिसर

यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के एनकाउंटर में असद अहमद और शूटर गुलाम को ढेर किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ सबसे बड़ी चर्चा का मुद्दा बन गया है। इसके साथ ही यूपी पुलिस के टॉप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ऑफिसरों का जिक्र भी किया जाने लगा है। आइए, जानते हैं कि यूपी पुलिस के टॉप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ऑफिसर कौन हैं जिनके नाम से ही बड़े से बड़े अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं।

राजेश कुमार पांडेय

आईजी के पद से रिटायर्ड आईपीएस राजेश कुमार पांडेय के नाम पर 50 से अधिक एनकाउंटर दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले राजेश कुमार पांडेय को चार बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। एसएसपी रहते हुए राजेश कुमार पांडेय ने ही कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला को एनकाउंटर में ढेर किया था। बनारस ब्लास्ट में शामिल आतंकवादी सलार को भी राजेश कुमार पांडेय ने मार गिराया था। हमेशा आम लोगों से अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाने वाले राजेश कुमार पांडेय का नेटवर्क बनाने में कोई तोड़ नहीं है।

दीपक कुमार

बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस दीपक कुमार के नाम आधिकारिक तौर पर 56 एनकाउंटर दर्ज हैं। आईजी के पद पर कार्यरत दीपक कुमार सख्त पुलिसिंग को लेकर मशहूर हैं। आईजी रेंज आगरा बने दीपक कुमार आईजी रेंज अलीगढ़ थे। उससे पहले चित्रकूट धाम रेंज डीआईजी के पद पर तैनात रहे। इससे पहले अयोध्या के एसएसपी और डीआईजी के पद पर भी दीपक कुमार तैनात रह चुके हैं। मुजफ्फरनगर और मेरठ जैसे संवेनदनशील जिले में भी नियुक्त रहे और पीएसी की 32वीं वाहिनी में कमाडेंट के पद पर भी तैनात रहे थे।

2005 बैच के IPS अधिकारी दीपक ने अपनी स्कूली शिक्षा बेगूसराय और नेतरहाट से पूरी की। इसके बाद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) से इकोनॉमिक्स में बीए की डिग्री और दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की।

अमिताभ यश

बिहार में भोजपुर जिले से आने वाले उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अमिताभ यश ने और उनके निर्देशन में पुलिस टीम ने अब तक 150 से ज्यादा बदमाशों का एनकाउंटर किया है। उनके पिता राम सिंह यश भी आईपीएस रहे। दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने वाले अमिताभ यश ने यूपी एसटीएफ में रहते हुए ददुआ जैसे दुर्दांत डकैतों को मार गिराया था। उसके अगले ही दिन से ऑपरेशन ठोकिया शुरू हुआ और उसे भी अमिताभ यश की टीम ने खत्म कर दिया। इसके बाद विकास दुबे कांड की कमान अमिताभ यश को मिली थी। उसके बाद से ये कांड गाड़ी पलटने के नाम से मशहूर हो गया है।

डॉ. अजयपाल शर्मा

डेंटिस्ट से आईपीएस बने डॉ. अजयपाल शर्मा की गिनती उत्तर प्रदेश के एक तेज तर्रार पुलिस अफसर में की जाती है। अजयपाल शर्मा ने पांच हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक के कई इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर किया है। पंजाब के लुधियाना के रहने वाले अजयपाल शर्मा यूपी कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अपराधियों में उनका खौफ साफ देखने को मिलता है।

डॉ. अजयपाल शर्मा ने यूपी में एक के बाद एक करके 100 से ज्यादा एनकाउंटर किए। इसके बाद उन्हें सिंघम, एनकाउंटरमैन और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा। जून, 2019 जून में रामपुर में ड्यूटी के दौरान डॉ. अजयपाल शर्मा ने एक छह वर्ष की बच्ची से रेप के बाद हत्या की वारदात में आरोपी नाजिल को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था। इस मामले वह काफी मशहूर हो गए थे। सोशल मीडिया पर भी उनकी अच्छी फैन फॉलोइंग है।

अनंत देव तिवारी

उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर अनंत देव तिवारी इन दिनों यूपी एसटीएफ में तैनात हैं। बिकरू कांड यानी विकास दुबे एनकाउंटर से चर्चा में आए अनंतदेव को अपराधी मौत का दूसरा नाम मानते हैं। कुछ तस्वीरे और ऑडियो वायरल होने के चलते वो विवादों में भी घिरे थे। अनंत देव अब तक 60 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं। पुलिस वालों को मारने वाले ठोकिया गैंग के लीडर ददुआ के एनकाउंटर में भी अनंत देव की बड़ी भूमिका थी। अनंत देव को भी कई बार वीरता पुरस्कार मिल चुका है।

प्रशांत कुमार

सीनियर आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार और उनकी टीम द्वारा अंजाम दिए गए एनकाउंटर्स की गिनती तीन सौ से भी ज्यादा है। इन खूनी मुठभेड़ों में उन्होंने लगभग 175 अपराधियों को ढेर किया और दो हजार से ज्यादा अपराधियों को सलाखों के भीतर पहुंचा दिए गए। खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी या साबिर गैंग में शायद ही ऐसा कोई गैंग होगा जिसके चार-पांच गुर्गों को प्रशांत कुमार या उनकी टीम ने ठिकाना न लगाया हो।

उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और उनकी टीम ने साल 2017 से लेकर अब तक योगी शासन में सिर्फ उत्तर प्रदेश में 35 से ज्यादा बड़े केस निपटाए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के लगभग सभी बड़े पुलिस ऑपरेशंस उनकी निगरानी में अंजाम दिए जाते हैं।

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नवनीत सिकेरा

यूपी के पॉपुलर आईपीएस नवनीत सिकेरा ने अपने अब तक के करियर में 60 से ज्यादा एनकाउंटर को अंजाम दिए हैं। देश के बड़े
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की लिस्ट में उनका नाम शामिल है। उत्तर प्रदेश के सुपर कॉप नवनीत सिकेरा का सिर्फ नाम सुनकर अपराधियों के पसीने छूटने लगते हैं। कहा जाता है कि वो जिस जिले में पोस्टेड होते थे वहां के अपराधी अपनी जगह बदल लेते। पहले आईआईटी छोड़ा, फिर आईएसएस जैसे पद छोड़ा और पुलिस की नौकरी को चुना।

1996 बैच के आईपीएस नवनीत सिकेरा के पिता एक साधारण किसान थे। एटा जिले के एक गांव में नवनीत का जन्म हुआ। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में उन्होंने हिंदी मीडियम के स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। फिर दिल्ली आईआईटी से नवनीत ने बीटेक किया। पिता से पुलिस वालों की बदसलूकी की वजह से आईपीएस बनकर व्यवस्था ठीक करने की ठान ली। उत्तर प्रदेश में वुमेन हेल्पलाइन नंबर तैयार करने में भी उनकी अहम भूमिका है। पुलिस हेडक्वार्टर लखनऊ में आईजी पद पर तैनात नवनीत सिकेरा की पुलिसिंग पर भौकाल-2 (Bhaukaal-2) नाम से बनी वेब सीरीज को भी लोगों ने खूब पसंद किया।

दलजीत चौधरी

पांच बार वीरता पुरस्कार पाने वाले सीनियर आईपीएस अधिकारी दलजीत चौधरी के नाम भी अब तक 60 से ज्यादा एनकाउंटर दर्ज है। कुछ साल पहले ही लखनऊ में उनकी टीम ने सैफउल्लाह का एनकाउंटर किया था। एसटीएफ से भी जुड़े रहे दलजीत चौधरी ने लखनऊ में व्यापारियों से रंगदारी वसूलने वाले कई बड़े बदमाशों को भी ढेर किया है। दलजीत चौधरी ने सबसे ज्यादा इटावा इलाके में दुर्दांत डकैतों का सफाया किया है।

उत्तर प्रदेश में इनके अलावा अखिल कुमार और सुबेन्द्र कुमार भगत जैसे और भी कई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं जिनका बड़ा नाम है। ऐसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अधिकारी जिनकी तैनाती के बाद उस इलाके के अपराधी जगह बदल लेते हैं, जेल चले जाते हैं, अपराध छोड़ देते हैं या फिर उन्हें दुनिया छोड़ना पड़ता है।