दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में कथित गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कीर्ति आजाद और बिशन सिंह बेदी की एक याचिका खारिज कर दी। इसमें उन्होंने डीडीसीए में कथित अनियमितता की जांच के लिए कोर्ट की निगरानी में एसआईटी बनाने या सीबीआई को सौंपने की मांग की थी। इस मामले से जुड़ी एक याचिका सोमवार को भी कोर्ट ने खारिज कर दी थी।
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के दीपक वाजपेयी की अर्जी खारिज की थी। अर्जी में उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि का केस खारिज करने की अपील की थी। यह केस केजरीवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दर्ज करवाया है। जेटली ने दिसंबर में दिल्ली हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के पांच नेताओं पर मानहानि का केस किया था। इसमें इन पर जेटली और उनके परिवार के खिलाफ गलतबयानी के आरोप लगाए गए हैं।
केजरीवाल और आप नेताओं ने आरोप लगाया है कि जेटली के रहते डीडीसीए में कई गड़बड़ियां हुईं, जिसकी जांच में फंसने की आशंका देख कर केंद्र सरकार ने सीबीआई के जरिए दिल्ली के सीएम ऑफिस से संबंधित फाइलें मंगवानी चाहीं। केस दायर होने के बाद केजरीवाल ने जेटली को जवाब दिया था कि वे मुकदमा दर्ज करा कर उन्हें डराने की कोशिश न करें, बल्कि जांच आयोग को सहयोग देकर वहां खुद को पाक-साफ साबित करें।
केजरीवाल और जेटली की खींचतान 15 दिसंबर को शुरू हुई है। उस दिन सीबीआई ने केजरीवाल के सेक्रेटरी के घर-दफ्तर पर छापामारी की थी। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने उनके दफ्तर पर छापा मारा और वे फाइलें ढूंढी जो अरुण जेटली को फंसा सकती हैं। केजरीवाल का कहना है कि इन फाइलों में अरुण जेटली के डेल्ही डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) रहते हुई धांधली से जुड़ी जांच में सामने आई बातें दर्ज हैं।