प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मानहानि और राजद्रोह वाले शब्दों का इस्तेमाल करने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत दर्ज कराने वाले वकील ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि आप प्रमुख के बयानों से सद्भाव बिगड़ सकता है। केजरीवाल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (विद्रोह) और 500 (मानहानि) के तहत मुकदमा चलाने की मांग करते हुए वकील ने आरोप लगाया कि इन बयानों में बगावत की मंशा है जो प्रधानमंत्री के प्रति घृणा और तिरस्कार फैलाते हैं।
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शिकायतकर्ता प्रदीप द्विवेदी के वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति के निजी हित राष्ट्रहित पर हावी हैं। केजरीवाल के बयान से देश में बैर और असंतोष फैल सकता है। केजरीवाल और मोदी के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी जो चुनावों के समय से ही है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जगमिंदर सिंह ने दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी तय की।
शिकायत दायर करने के अपने औचित्य को सही ठहराने की कोशिश करते हुए वकील ने कहा कि भारत का नागरिक होने के नाते मैं केजरीवाल के बयानों से आहत हूं और उस मामले में शिकायत दर्ज करने के लिए सक्षम हूं जहां देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ बयान दिए गए हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब सीबीआइ ने पिछले साल 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दिल्ली सचिवालय कार्यालय पर छापा मारा तो केजरीवाल ने मोदी के खिलाफ ट्विटर पर अपमानजनक टिप्पणियां की।
शिकायत में कहा गया है कि सीबीआइ की स्वायत्ता और स्वतंत्रता से पूरी तरह अवगत होने के बाद भी आरोपी (केजरीवाल) ने अपने राजनीतिक हित और राजनीतिक बैर के चलते इस देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ ट्विटर पर अपमानजनक टिप्पणी की और वह भी बस सीबीआइ छापे की वजह से।
शिकायत में कहा गया है कि 15 दिसंबर, 2015 को आरोपी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर जो टिप्पणी की उसमें कहा गया है कि मोदी कायर और मनोरोगी हैं। ये टिप्पणियां दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के खिलाफ घृणा और तिरस्कार का भाव फैलाने के लिए जान-बूझकर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।