महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जेल में बंद शिवसेना के सांसद संजय राउत से मिलने की इजाजत नहीं मिली है। संजय राउत इस वक्त मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उद्धव ठाकरे ने जेल प्रशासन से जेलर के कमरे में संजय राउत से मुलाकात के लिए अनुमति मांगी थी। जेल प्रशासन ने इसे खारिज करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें कोर्ट से अनुमति लेनी होगी और यह मुलाकात जेलर के कमरे में नहीं हो सकती है। जेल में बंद बाकी लोगों की तरह ही मिलना होगा।

जेल अधिकारी का कहना है कि ठाकरे की तरफ से अनुमति के लिए लिखित में कोई एप्लीकेशन नहीं दी गई थी। उनके एक करीबी और शिवसेना नेता ने जेल प्रशासन से कहा कि उद्धव ठाकरे 15 मिनट के लिए संजय राउत से जेलर के कमरे में मुलाकात करना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन ने मना कर दिया। इसके बाद जेल के सुपरिटेंडेंट ने कहा कि अगर वह मुलाकात करना चाहते हैं तो उन्हें जेल में बंद अन्य लोगों की तरह ही मुलाकात करनी होगी और उसके लिए भी कोर्ट से अनुमति लेना जरूरी है।

बता दें कि स्पेशल प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने दो दिन पहले संजय राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है, यानी वो फिलहाल 19 सितंबर तक के लिए कस्टडी में हैं। यह मामला पात्रा चॉल लैंड से जुड़ा है। ईडी ने गोरेगांव में पात्रा चौल के रिडेवलपमेंट में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया था।

क्या है पात्रा चॉल मामला?

पात्रा चॉल लैंड स्कैम 2007 का मामला है। इस मामले में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का नाम भी सामने आया है। संजय राउत पर आरोप है कि उन्होंने इनकी मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया था। MHADA ने रिडेवलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया था। यह कंपनी संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत की है।

इसमें 1034 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। इस घोटाले में चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। चॉल में 3 हजार फ्लैट बनाए जाने थे, जिनमें से 672 फ्लैट चॉल के निवासियों को दिए जाने थे। इसकी जमीन प्राइवेट बिल्डरों को बेचने का आरोप है।