मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को शोकॉज नोटिस जारी किया है। पुलिस ने अर्णब को शुक्रवार को खुद को पेश करने के लिए कहा है। साथ ही पूछा है कि आखिर क्यों उन्हें अच्छे बर्ताव के वादे वाला बॉन्ड साइन न कराया जाए।
मुंबई पुलिस ने अर्णब को यह नोटिस कुछ समय पहले ही उनके खिलाफ दर्ज हुई दो एफआईआर के सिलसिले में जारी किया है। अर्णब पर आरोप है कि उन्होंने अपने चैनल पर समुदायों के बीच नफरत पैदा करने वाला कंटेंट दिखाया। मुंबई पुलिस के इस नोटिस पर रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने भी बयान जारी किया है। इसमें कहा गया, “अर्णब को जो समन और शोकॉज नोटिस जारी हुए हैं वे महाराष्ट्र सरकार की ओर से स्वतंत्र प्रेस के खिलाफ खुलेआम द्वेषपूर्ण और प्रेरित कार्रवाई का इशारा है।”
गौरतलब है कि यह उस कार्रवाई का हिस्सा है, जिसे पुलिस ने चरणबद्ध प्रक्रिया कहा था। आमतौर पर इस तरह की कार्रवाई उन लोगों पर की जाती है, जो किसी एक क्षेत्र में बाधा खड़ी करते हैं और बार-बार ऐसी गतिविधियां दोहराने की ओर भी इशारा करते हैं।
आमतौर पर इस तरह की प्रक्रिया में सीआरपीसी की धारा 107 (दूसरे मामलों में शांति सुनिश्चित करने के लिए) लगाई जाती है। हालांकि, अर्णब गोस्वामी को धारा 108 के तहत नोटिस भेजा गया है, जो कि राजद्रोही बातों का प्रसार करने वाले लोगों के अच्छे बर्ताव को सुनिश्चित करने के लिए लगाई जाती है।
अर्णब गोस्वामी जिस क्षेत्र में रहते हैं अगर वहां के एसीपी (वर्ली डिविजन) सुधीर जंबावडेकर एंकर की ओर से अपने बर्ताव पर दी गई वजहों से संतुष्ट नहीं होते, तो वे अर्णब को अच्छे बर्ताव के लिए बॉन्ड साइन करने के लिए कह सकते हैं। अगर अर्णब ने एक साल तक बॉन्ड की शर्तों को तोड़ा तो उन्हें 10 लाख रुपए जुर्माने के साथ जेल भी जाना पड़ा सकता है।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने इसी साल की शुरुआत में अर्णब गोस्वामी पर एक शो के जरिेए दो समूहों में नफरत पैदा कराने के लिए एफआईआर दर्ज की थीं। जहां एक शो बांद्रा रेलवे स्टेशन में लॉकडाउन के दौरान जुटी भीड़ पर था, वहीं दूसरा शो पालघर में स्थानीय लोगों द्वारा मारे गए दो साधुओं पर था। इसी को लेकर मुंबई पुलिस ने अर्णब पर केस किया।