कड़ी चुनौतियों के बीच देश की रक्षा में लगे सेना के जवान आपदा प्रभावित इलाकों में भी अपनी मेहनत और समर्पण के साथ सेवा करके अक्सर मिसाल पेश करते रहते हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन से कई जगह घर गिर गए हैं। हाल ही में पिथौरागढ़ में एक घर के गिरने से गंभीर रूप से घायल एक महिला की मौत हो गई। श्मशान घाट वहां से 14 किमी दूर था। इससे उसका अंतिम संस्कार होने में दिक्कत हो रही थी। राहत कार्य में जुटे आईटीबीपी के जवानों को इसकी जानकारी हुई तो वे शव को खुद कंधे पर उठाकर रिश्तेदारों के साथ पैदल श्मशान घाट तक गए और अंतिम संस्कार कराया।
भारी बारिश और भूस्खलन में घर गिरने से दबकर हुई थी मौत : उत्तराखंड में इन दिनों भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह रास्ते ब्लाक हो गए हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रया बजेता गांव की निवासी 72 वर्षीय कौशल्या देवी का घर 7 सितंबर को भयानक बारिश में ढह गया। उसके नीचे दबने से वह गंभीर रूप से घायल भी हो गईं। उनको काफी चोट आई। अस्पताल में हफ्ते भर चले इलाज के बाद आखिरकार 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई। श्मशान घाट 14 किलोमीटर दूर था। तूफान और तेज बारिश में उनका श्मशान घाट तक पहुंचना और अंतिम संस्कार हो पाना संभव नहीं था।
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जानकारी हुई तो मदद के लिए पहुंचे जवान : इस बीच राहत कार्य में जुटे आईटीबीपी के जवानों को जब इसकी जानकारी हुई तो वे मदद के लिए फौरन वहां पहुंच गए। 15 सितंबर को वे लोग कौशल्या देवी का शव लेकर पैदल श्मशान घाट तक गए। साथ में उनके रिश्तेदारों को भी ले गए। मुंस्यारी के एसडीएम अनिल शुक्ला ने बताया कि मुंस्यारी तहसील में 25 गांवों के 8000 लोग भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं। प्रशासन टूटी और ब्लाक सड़कों को ठीक करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
पूरे राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही आईटीबीपी : इससे पहले 7 सितंबर को पिथौरागढ़ में बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि दो लोग घायल हो गए थे। आईटीबीपी पूरे राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है ताकि जो लोग घर में फंसे हुए हैं उनको सुरक्षित निकाला जा सके।