राष्ट्रीय हरित पंचाट के पेच और किसानों के विरोध के बावजूद आर्ट आफ लिविंग के प्रधान श्रीश्री रविशंकर के तीन दिवसीय विश्व सांस्कृतिक महोत्सव को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने की तैयारी दिल्ली पुलिस ने शुरू कर दी है। कार्यक्रम में दुनिया भर से कई लाख लोगों के आने की संभावना है लिहाजा पुलिस ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती की तरह लेना शुरू कर दिया है। पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने सभी उपायुक्तों सहित अन्य यूनिटों को इस बाबत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि कार्यक्रम में कितने पुलिस वाले लगाए जाएंगी, यह अभी तय नहीं हुआ है पर हमारी तैयारी शुरू है।
सूत्रों के मुताबिक खुफिया एंजसियों के पाक सीमा से गुजरात के रास्ते जिन आतंकवादियों के दिल्ली प्रवेश करने की सूचना दी है उनमें इस कार्यक्रम का भी जिक्र किया गया है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश ए मोहम्मद से जुड़े इन आतंकवादी संगठनों की योजना भीड़-भाड़ वाली जगहों को निशाने पर लेने की है। आयोजकों ने दो से तीन लाख लोगों के आने की बात कही है जबकि दूसरी तरफ संस्था के 35वें उत्सव के नाम पर 35 लाख के करीब लोगों के आने की खबर फैल रही है। अगर 35 लाख लोग यहां पहुंचे तो महाकुंभ जैसा दृश्य हो जाएगा और फिर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करना दिल्ली पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो जाएगी।
भीड़ का अनुमान इसी बात से लगाया जा रहा है कि महोत्सव के लिए डीडीए से अनुमति लेने के बाद आयोजकों ने यमुना नदी के कालिंदी कुंज के सामने पंडाल बनाकर चिल्ला गांव, मयूर विहार फेस-एक एक्सटेंशन तक पार्किंग के लिए जगह खाली कराना शुरू कर दिया। यही नहीं दिल्ली के कमोवेश सभी इलाके के होटलों, गेस्ट हाउसों, धर्मशालाओं और क्लबों को भी इन लोगों ने मनमाफिक पैसे देकर बुक कराया है। इतना ही नहीं मयूर विहार फेस-एक इलाके में तो एक-एक खाली पड़ी जगहों को इन लोगों ने अपने स्वयंसेवकों के लिए आरक्षित कर लिया है।
फरवरी 11 से 13 मार्च के बीच आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में कई पेच हैं। मसलन इसमें प्रवेश नि:शुल्क रखा गया तो आर्ट आॅफ लिविंग के स्वंयसेवकों के अलावा दिल्ली के लोगों को भी शामिल होने से कोई रोक नहीं सकता। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में जब एक छोटे से आडिटोरियम में कोई रियलिटी शो या सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं तो उसके लिए भी टिकट और पास जारी किया जाता है ताकि भीड़ बढ़ने पर उस पर इन टिकटों और पास के नाम पर काबू पाया जा सके। नि:शुल्क प्रवेश करने की इजाजत वाले कार्यक्रमोें में लोगों को रोकना मुश्किल होगा और संभव है कि इसमें भगदड़ भी मच सकती है।
बताया जा रहा है कि पहले अनुमान किया गया था कि इस कार्यक्रम में पुलिस के करीब दो हजार जवानों, करीब एक हजार हथियार बंद रिजर्व पुलिस बल और रात की ड्यूटी में भी इतने ही जवानों को तैनात कर कार्यक्रम को सफल किया जा सकता है। पर जैसे ही कार्यक्रम की भयावहता दिखने लगी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी अर्द्धसैनिक बलों, एनएसजी के साथ ही अन्य रिजर्व पुलिस बलों को लगाने का फैसला कर लिया और इस समय हालात यहां तक पहुंच गई है कि दिल्ली पुलिस को अपने सारे बंदोबस्त को इसी कार्यक्रम पर केंद्रित करना पड़ रहा है। इसलिए पुलिस आयुक्त ने उपायुक्त स्तर से ऊपर के सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक कर तमाम इंतजाम करने के निर्देश दिए। पुलिस को डर है कि भीड़ का फायदा उठाकर आतंकवादी अपने इरादे पूरे न कर लें। दिल्ली पुलिस के उपायुक्त और प्रवक्ता राजन भगत का कहना है कि अभी संख्या बल तय नहीं हुआ पर हमारी तैयारी जारी है। एक-दो दिनों में हम पुलिस वालों की संख्या तय कर लेंगे।