उत्तर प्रदेश में पुलिस की लापरवाही का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक पुलिस कॉन्सटेबल ने कार नहीं रोकने पर एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर की गोली मारकर जान ले ली। खबर के अनुसार, एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी अपनी कार से अपनी एक सहकर्मी के साथ ऑफिस से अपने घर लौट रहे थे। तभी एक पुलिस कॉन्सटेबल ने उन्हें रुकने का इशारा किया। बताया जा रहा है कि इस पर विवेक तिवारी ने कार रोकने के बजाए उसे दौड़ा दिया। इस पर पुलिस कॉन्सटेबल ने स्थिति को संदिग्ध मानते हुए कार पर फायर कर दिया। पुलिस कॉन्सटेबल द्वारा चलायी गई गोली कार में सवार विवेक तिवारी को जा लगी। इसके बाद विवेक तिवारी को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
वहीं लखनऊ पुलिस का कहना है कि ‘पुलिस को देखकर कार चालक ने भागने की कोशिश की और इसी भगदड़ में कार एक दीवार से टकरा गई। स्थिति को संदिग्ध जान पुलिसकर्मी ने कार पर गोली चला दी। जिससे गोली लगने से कार चालक गंभीर रुप से घायल हो गया। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल आरोपी पुलिसकर्मी को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही पुलिस घटना की चश्मदीद लड़की से भी पूछताछ कर रही है।’
#WATCH Kalpana Tiwari,wife of deceased Vivek Tiwari says,”Police had no right to shoot at my husband,demand UP CM to come here&talk to me.” He was injured&later succumbed to injuries after a police personnel shot at his car late last night,on noticing suspicious activity #Lucknow pic.twitter.com/buJyDWts5n
— ANI UP (@ANINewsUP) September 29, 2018
वहीं इस घटना में मारे गए विवेक तिवारी के परिजन काफी नाराज और दुखी हैं। विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी तो इस वाकये से इतनी नाराज हैं कि उन्होंने यहां तक कह दिया है कि जब तक अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आएंगे, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि “वह 2 बजे से लगातार अपने पति को फोन कर रही थी, लेकिन कोई कॉल रिसीव नहीं हुई। बाद में 3 बजे के करीब कॉल रिसीव हुई तो लोहिया अस्पताल के कर्मचारी ने फोन उठाया और कहा कि आपके पति और उनके साथ वाली महिला को हल्की चोटें आयी हैं।” कल्पना तिवारी ने सवाल उठाया कि “इतने समय तक भी पुलिस का फोन क्यों नहीं आया? इसके बाद जब मैं अस्पताल पहुंची तो पता चला कि गाड़ी के सामने से गोली मारी गई है। कल्पना तिवारी ने कहा कि यदि वह लड़की के साथ संदिग्ध हालत में थे तो आप कार्रवाई करते, गाड़ी नहीं रोक रहे थे तो गाड़ी का नंबर नोट करके आरटीओ ऑफिस में जाकर घर का पता लगाकर यहां से गिरफ्तार करते पर गोली क्यों मारी? कल्पना तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के आला अधिकारी सिर्फ मामले पर लीपापोती कर रहे हैं। मैं मांग करती हूं कि योगी आदित्यनाथ हमारे पास आएं और हमसे बात करें और मुझे बताएं कि विवेक कौन से आतंकवादी थे जो पुलिस ने उन पर गोली चलायी। उसके बाद ही बॉडी का कुछ होगा।”
वहीं इस मामले में आरोपी पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी का कहना है कि ‘रात करीब 2 बजे एक कार, जिसकी लाइटें बंद थी, उन्हें संदिग्ध लगी। इस पर मैंने कार को रुकने का इशारा किया, लेकिन ड्राइवर ने कार रोकने के बजाए मेरे ऊपर कार चढ़ाकर मुझे मारने की कोशिश की। इस पर मैंने आत्म सुरक्षा में गोली चला दी। इसके बाद वह तुरंत मौके से फरार हो गया।’ वहीं इस घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई है। विपक्षी समाजवादी पार्टी ने इस घटना को लेकर यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है।