Another FIR Lodged Against Azam Khan: उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजम खान पर केस दर्ज होने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, लेकिन इन सभी मुकदमों को लेकर आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम अब मैदान में उतर चुके हैं। रविवार (28 अगस्त, 2022) को अब्दुल्लाह आजम हाथों में तख्तियां लेकर गांधी समाधि स्थल पहुंच गए।

दरअसल, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सदर से विधायक मोहम्मद आजम खान के खिलाफ पिछले दिनों गवाहों को धमकाने के आरोप में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए। इसको लेकर समाजावदी पार्टी रामपुर में जिला प्रशासन से 27 अगस्त से रामपुर के अंबेडकर पार्क में धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने न केवल परमिशन देने से इनकार कर दिया, बल्कि धारा 144 भी लगा दी।

जिला प्रशासन के रवैये का विरोध करने के लिए रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक और आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम, रामपुर की विधानसभा चमरौआ के विधायक नासिर अहमद खान और जिला अध्यक्ष समाजवादी वीरेंद्र गोयल और लोकसभा पूर्व प्रत्याशी आसिम राजा के साथ हाथों में तख्तियां लिए गांधी समाधि स्थल पहुंच गए।

सपा नेताओं के हाथों में जो तख्तियां थीं, उनमें लिखा हुआ था कि 27 अगस्त के धरने को रोकने के लिए जनपद रामपुर में धारा 144 लागू करना लोकतंत्र और संविधान पर कुठाराघात है। जिसकी हम घोर निंदा करते हैं। तख्तियों के नीचे लिखा है- समाजवादी पार्टी रामपुर।

इस मौके पर सपा विधायक अब्दुल्लाह आजम ने कहा कि रामपुर के लोगों पर हो रही प्रशासन की ज्याददियों को लेकर हमने प्रदर्शन करने को लेकर एक हफ्ते पहले अनुमति मांगी थी, लेकिन धारा 144 लगाकर प्रशासन जम्हूरियत की आवाज को दबाया है।

अब्दुल्लाह आजम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस तरह से रामपुर में भैंस चोरी, बकरी चोरी, मुर्गी चोरी के मुकदमे हुए। जिसके चलते रामपुर वालों को आज भी जिला बदर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके घरों में बीमार मां-बहनें हैं, पुलिस उनके घरों में रात में घुस रही है। बिजली के नाम पर लोगों को प्रताड़ित और लूटा जा रहा है। इन सब मुद्दों के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने एक हफ्ते के लिए धरने-प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन वो परमिशन नहीं दी गई,बल्कि धारा 144 लगा दी गई।

उन्होंने कहा कि क्या रामपुर में पांचों विधानसभा के लोग शहरी नहीं हैं। वो अपनी आवाज नहीं उठा सकते। क्या वो गुलाम हिंदुस्तान में हैं या आजाद हिंदुस्तान में। उन्होंने कहा कि रामपुर में मुकदमा कोई चीज नहीं है, बल्कि एक तमाशा है। यहां भैंस चोरी, मुर्गी चोरी, बकरी चोरी कुछ भी लिखा जा सकता है।