राजस्थान सरकार ने गरीब और असहाय लोगों के लिए सस्ती व रियायती दरों पर भोजन और नाश्ता मुहैया कराने के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू करने का फैसला किया है। सबके लिए भोजन, सबके लिए सम्मान मिशन के साथ यह योजना पहले चरण में प्रदेश के 12 शहरों में लागू होगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की इस अभिनव पहल की प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री राजे के निर्देश पर शुरू होने वाली अन्नपूर्णा रसोई योजना में आम नागरिकों को गुणवत्ता का पौष्टिक और स्वच्छ भोजन मुहैया होगा। इस योजना में आमजन खासकर श्रमिक, रिक्शावाला, कर्मचारी, विद्यार्थी, कामकाजी महिलाओं, बुजूर्ग और असहाय लोगों को राहत मिलेगी।

योजना के तहत 5 रुपए प्रति प्लेट नाश्ता और 8 रुपए प्रति प्लेट दोनों समय का भोजन लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। राजधानी जयपुर के साथ ही संभागीय मुख्यालयों कोटा, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर और भरतपुर के अलावा प्रतापगढ, डूंगरपुर, बांसवाडा, बारां और झालावाड में इसकी शुरुआत होगी। सरकार ने आदिवासी जिलों को विशेष तौर पर इस योजना के पहले चरण में शामिल किया है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि इसे अगले चरण में पूरे प्रदेश में लागू किया जाए। इस योजना में सरकार ने 80 वैनों के साथ रसोई बनाई है जो नगर निकायों की तरफ से तय किये गये स्थानों पर भोजन वितरित करेंगी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार भोजन करने वालों के लिए बैठने की व्यवस्था की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय करेंगे। सरकार ने जयपुर में 25 जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर और भरतपुर में 5-5 और झालावाड़ में 6 प्रतापगढ़ व बारां में तीन और डूंगरपुर व बासंवाड़ा में 4 वैन लगाकर लोगों को भोजन व नाश्ता बंटवाया जाएगा। इस काम में लगने वाले कर्मचारियों को पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है और उनके लिए पोशाक भी तय की गई है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने लोगों को घर के बाहर भी घर जैसा भोजन मुहैया हो कि तर्ज पर योजना को अमल में लाने को कहा था। यह योजना उन लोगों के लिए राहत भरी है जो दोनों समय भोजन नहीं कर पाते है। इसमें रियायती दरें होने से गरीब वर्ग के लिए खासी राहत देने के लिए ही अन्नपूर्णा योजना बनाई गई है।