Jammu-Kashmir और Article 370 पर मोदी सरकार के बड़े फैसले के बाद कश्मीरियों का मसला सुर्खियों में है। इसी बीच मुंबई में एक कश्मीरी सिंगर आदिल गुरेजी ने शिकायत की थी कि उनके ब्रोकर ने उनसे किराये का घर खाली करने के लिए कहा है। हालांकि ब्रोकर ने आरोपों को खारिज कर दिया। इंडिया टुडे के मुताबिक ब्रोकर दिनेश राजपूत ने माना कि उन्होंने आदिल को कॉल किया था लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने आदिल को घर छोड़ने के लिए नहीं कहा। आदिल हाल ही में अपने यू-ट्यूब वीडियोज के चलते सुर्खियों में आए थे, उनके वीडियोज पर लाखों व्यूअर्स आए थे। उन्हें कश्मीरी संगीत को नया आकार और दिशा देने का श्रेय जाता है।

ब्रोकर बोला- पैसे मिलते हैं, हम क्यों भगाएंगे: दिनेश ने कहा, ‘जब लोग किराये पर अपार्टमेंट लेते हैं तभी हमें पैसे मिलते हैं। हम क्यों लोगों से घर छोड़ने के लिए कहेंगे? उनके साथ नया एग्रीमेंट हुआ ही नहीं क्योंकि वो कश्मीर के लिए निकल चुके थे। इसलिए नया समझौता सिर्फ उनके दो फ्लैटमेट्स के साथ हुआ था। मैंने खुद उन्हें एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के लिए पूछा था।’ हालांकि कश्मीर के हालातों पर चर्चा की बातचीत रिकॉर्ड होने की बात पर दिनेश ने कोई तार्किक जवाब नहीं दिया।

एनओसी के इंतजार में गुरेजीः दिनेश ने कहा, ‘मैं बहुत पढ़ा-लिखा नहीं हूं लेकिन मैं जानता हूं कि कॉल रिकॉर्डिंग का दुरुपयोग हो सकता है इसलिए मैंने उनसे मिलने के लिए कहा था।’ इसी बीच गुरेजी का कहना है कि वो एनओसी का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें अंधेरी इलाके में बिना किसी विवाद के किराये के अपार्टमेंट में रहने की इजाजत मिल सके।

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यू-ट्यूब सिंगर आदिल गुरेजी के मुताबिक कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले के बाद बांदीपोरा में अपने परिजनों का हालचाल जानने के लिए चले गए थे, लेकिन उनके परिजनों ने उनसे तुरंत मुंबई वापस चले जाने को कह दिया। जब वो मुंबई पहुंचे तो फ्लैटमेट्स ने कहा कि ब्रोकर दिनेश और राशिद ने उन्हें वहां नहीं रखने के लिए कहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रोकर से बात करने पर उन्हें कहा गया कि उन्हें कश्मीर विवाद के चलते वापस जाने के लिए कहा गया है।

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आदिल ने इससे पहले यह भी कहा था कि मुंबई में रह रहे कई कश्मीरियों की तरह उन्हें भी कभी अपने नाम पर रेंट एग्रीमेंट नहीं मिला, जब किसी तरह मिला तो ब्रोकर ने गैरकानूनी तरीके से उनका नाम हटा दिया। उन्हें मुंबई पुलिस के हस्तक्षेप के बाद जाकर किराये के घर में रहने दिया गया। उनका कहना है कि पड़ोसी और दोस्त अभी भी उनके वहां रहने से खुश नहीं हैं।