Anand Mohan Row: बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार की सियासत गर्माई हुई है। बीजेपी से लेकर अन्य विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। इस बीच बिहार सरकार से मुख्य सचिव अमीर सुबहानी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि किसी को भी विशेष छूट नहीं दी गई है। सरकार ने जो भी किया है वह कानून के तहत किया है। उन्होंने बकाया कि नया जेल मैन्युअल 2012 में बनाया गया था। आनंद मोहन को गुरुवार तड़के 4.30 बजे ही जेल से रिहा किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि आजीवन कारावास की सजा कटा रहे कैदियों को कब रिहा किया जाता है इसे लेकर नियम तय किए गए हैं। किसी को भी ऐसे मामले में छूट नहीं दी गई है। अमीर सुबहानी ने कहा कि 14 साल की सजा काट चुके कैदियों को उनके अच्छे आचरण के बाद रिहा किया जाता है। उन्हें 14 साल की कारावास अवधि और 20 साल की परिहार अवधि पर छोड़ने का प्रावधान है। राज्य दण्डादेश परिहार परिषद कानूनी दृष्टिकोण से जिसमें जज भी सदस्य होते हैं। उनकी मंजूरी के बाद ही रिहाई की जाती है। उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि पिछले 6 साल में 22 बैठकों में 1 हजार 161 कैदियों को छोड़ने पर विचार किया जा चुका है। इनमें से 698 कैदियों की रिहाई भी हो चुकी है।
ओवैसी ने साधा निशाना
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पूरे देश में विपक्षी एकता के नाम पर घूम रहे हैं और खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बता रहे हैं। आप 2024 में दलित समुदाय को बोलेंगे कि आपने एक दलित अफसर की हत्या करने वाले व्यक्ति को छोड़ दिया। ओवैसी ने कहा कि ये दूसरी बार कृष्णैया की हत्या है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में बिहार की आईएएस असोसिएशन चुप है। उन्होंने पूछा कि क्या उस समय लालू यादव की सरकार नहीं थी क्या उन्होंने उनकी पत्नी से मुलाक़ात नहीं की थी।
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अधिवक्ता अलका वर्मा के जरिए पटना हाईकोर्ट में बुधवार को जनहित याचिका दायर की। ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या को सजा में छूट का प्रावधान देने वाली अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए लिखा गया है कि “ऐसी छूट के कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा। आम आदमी की तरह ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या करने में अपराधी को हिचक नहीं होगी।”
