अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हिंदू युवा वाहिनी भी अब इस विवाद में कूद गई है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार (2 मई) को जिन्ना का पुतला फूंका। इस प्रदर्शन के बाद हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं और एएमयू छात्रों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। दोनों पक्षों की ओर से लाठी-डंडे निकल आए। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां पहुंच गए। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। इसमें एएमयू के तीन छात्र के घायल होने की सूचना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई। इसके बाद वहां आला प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए और आरएएफ के जवानों को भी तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने कुछ उपद्रवियों को हिरासत में भी लिया है। टकराव की यह घटना उस वक्त हुई जब पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी एक कार्यक्रम में शिरकत करने एएमयू परिसर में ही मौजूद थे। मालूम हो कि एएमयू के छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर लगी थी। भाजपा सांसद सतीश गौतम ने इसको लेकर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को पत्र लिखकर जिन्ना की तस्वीर लगाने पर सवाल उठाए थे। इसके बाद हिंदू युवा वाहिनी ने जिन्ना की तस्वीर हटाने के लिए एएमयू प्रशासन को 48 घंटे की मोहलत देने का ऐलान किया था।

एएमयू में जिन्ना की तस्वीर को लेकर हिंदूवादी छात्र संगठन ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर को लेकर यूनिवर्सिटी के बाबा सैयद गेट पर मोहम्मद अली जिन्ना का पुतला फूंका गया था। इसके बाद मामला अचानक से हिंसक हो उठा था। बता दें कि इससे पहले छात्रसंघ भवन से जिन्ना की तस्वीर गायब होने की बात सामने आई थी। एएमयू के अधिकारी ने यूनिवर्सिटी में साफ-सफाई का हवाला दिया था, लेकिन उन्होंने जिन्ना की तस्वीर हटाने की बात से इनकार कर दिया था। विवाद बढ़ने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा था कि जिन्ना की तस्वीर को छात्रसंघ भवन में लगाया गया है और एएमयू छात्रसंघ के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करता है। हालांकि, भाजपा सांसद ने एएमयू के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। उनका कहना था कि जिन्ना ने देश का बंटवारा कराया था।