एमिटी विश्वविद्यालय में बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र की संदिग्ध मौत के मामले में परिजनों ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मौत को जानबूझकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। मृतक के पिता ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है। थाना सेक्टर-39 पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद हत्या की वजह का पता चलने की बात बताई है। मृतक के कमरे से कोई आत्महत्या को लेकर पत्र भी नहीं मिला था। इसी वजह से पुलिस ने आत्महत्या की आशंका जताई थी। एसपी सिटी दिनेश यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मृतक के पिता की शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय प्रबंधन समेत हॉस्टल में रहने वाले अन्य लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।
सेक्टर-125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय परिसर के हॉस्टल नंबर-3 के पास गुरुवार दोपहर को बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र उदय शंकर का खून से लथपथ शव मिला था। कॉलेज प्रशासन की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। इससे पहले उदय शंकर को सेक्टर-27 के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया था। दिल्ली के पालम कालोनी में रहने वाले उमा शंकर सिंह का उदय इकलौता बेटा था। आरोप है कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। लापरवाही के कारण उनके बेटे की मौत हुई है, जिसमें विश्वविद्यालय प्रबंधन का हाथ है। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने मौत के मामले में 5 सदस्यीय कमिटी गठित कर जांच कराने का दावा किया है।
गौरतलब है कि एमिटी विश्वविद्यालय में पहले भी कई छात्रों की संदिग्ध स्थिति में मौत हो चुकी है। नवंबर महीने में ही विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे छात्र जी सार्इं कृष्णा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को तेलुगु भाषा में लिखा पत्र भी मिला था लेकिन पुलिस ने पत्र में आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं होने का दावा किया था। अगस्त, 2016 में एलएलबी की पढ़ाई कर रहे सुशांत रोहिल्ला ने आत्महत्या कर ली थी। सुशांत ने पढ़ाने वाले प्रोफेसर पर गंभीर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसे लेकर छात्रों ने कई दिनों तक आंदोलन कर कक्षाओं का बहिष्कार भी किया था। करीब 5 साल पहले भी केरल के रहने वाले एक छात्र की स्वीमिंग पूल में डूबकर संदिग्ध मौत हुई थी।

