भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या को लेकर केरल में सत्ता संभालने वाली वाममोर्चा पर तीखा प्रहार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार (21 मई) को कहा कि उसने जनादेश का उल्लंघन किया है और उनकी पार्टी चुप नहीं रहेगी बल्कि अगर हिंसा जारी रही तो लड़ाई सड़कों तक जाएगी। विधानसभा चुनाव में एक सीट और 15 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करने से उत्साहित भाजपा ने कहा कि अगर हिंसा का चक्र जारी रहा तो वह चुप नहीं रहेगी। पार्टी ने कहा कि वह राज्य में माकपा और कांग्रेस के मुकाबले एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरी है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केरल में अपनी पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या को लेकर वाम मोर्चा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एलडीएफ गठबंधन ‘अलोकतांत्रिक’ तरीके से सत्ता में आया है। उन्होंने वाममोर्चा पर आरोप लगाया कि वह जनादेश का ‘उल्लंघन’ कर रही है। शाह ने अपने ट्वीट में चुनाव में जीतने वाले वाममोर्चा नीत गठबंधन पर हत्या का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा नेताओं की एक समिति राज्य का दौरा करेगी और इस घटना की जांच करेगी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘हमारे पार्टी कार्यकर्ता प्रमोद की निर्दयता से हत्या किए जाने की बात जानकर मैं काफी व्यथित हूं। सत्तारूढ़ वाममोर्चा समर्थकों का यह कृत्य लोकतांत्रिक भावना और केरल के लोगों द्वारा दिये गए जनादेश के खिलाफ है जो उसे दो दिन पहले मिला है।’ शाह ने कहा, ‘हम अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्हें अलोकतांत्रिक वाम शासन के खिलाफ उनके संघर्ष में पूरा समर्थन देने का आश्वासन देते हैं। मैंने एक केंद्रीय समिति गठित करने का आदेश दिया है जो वहां जाएगी और इस हिंसा की जांच करेगी।’

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनाव के बाद हिंसा शुरू हो गई और कन्नूर जिले में माकपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ 55 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। माकपा को यह समझने की जरूरत है कि भाजपा देश पर शासन कर रही है और 14 राज्यों में उसकी सरकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा को केरल में मतदाताओं का काफी समर्थन मिला है और हमारे कार्यकर्ता पर इस तरह से हमला बेहद गंभीर मामला है। इसलिए इस तरह की हिंसा का चक्र समाप्त होना चाहिए। हम समझते हैं कि केरल में नई सरकार इसको गंभीरता से लेगी अन्यथा लड़ाई संसद से सड़कों तक होगी।