केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने गृहराज्य गुजरात के दौरे पर हैं। रविवार (12 जून) को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में गृहमंत्री ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत लोगों के लिए कई योजनाएं बनाईं गईं। पिछले 8 सालों में हमने देश में गरीबी खत्म करने के लिए नीतियां बनाईं।
अमित शाह ने कहा कि हमने गुजरात में सभी योजनाओं के लाभार्थियों को समान लाभ देना शुरू किया और अब इसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गांवों का विकास जरूरी है। अमित शाह के इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तरह-तरह के रिएक्शन दिए।
बी एस राउतेला (@Bhuwan3289352) नाम के यूजर ने लिखा, “हे भगवान कब सुधरोगे।” ब्लैंक पॉइंट (@Deepthinker2017) नाम के एक यूजर ने लिखा, “इस तड़ीपार की अलग ही दुनिया है। देश में बीजेपी आग लगाए जा रही है, दंगे कराए जा रही है और ये होम मिनिस्टर?”
गुजरात दौरे पर ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद के 41वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गांधीजी कहते थे कि हमारे देश की आत्मा गांवों में बसती है। गांवों के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता। उसी दिशा में नरेंद्र मोदी जी ने ग्रामीण विकास की नई कल्पना सामने रखी कि व्यक्ति, गांव और क्षेत्र के समानांतर विकास से ही समग्र ग्रामीण विकास संभव है और इसे करके भी दिखाया।
उन्होंने कहा, “आज भी 70% भारत गांवों में बसता है, सुविधाओं के अभाव के कारण यह देश के विकास में अपना योगदान देने से वंचित रह जाता है। अगर इसी 70% टैलेंट को हमने देश के अर्थतंत्र को गति देने के काम से जोड़ दिया तो 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का मोदी जी का सपना 5 सालों में पूरा होते हुए देखेंगे।”
अमित शाह ने कहा, ”ग्रामीण विकास का पहलू है गांव को सुविधायुक्त बनाना। इसके लिए गांव की दूर-दराज से कनेक्टिविटी ज़रूरी है। गांव में बिजली नहीं थी, एक आइसक्रीम की दुकान किसी को खोलनी है तो वो नहीं खोल सकता। क्या गांव के युवाओं को आइसक्रीम की दुकान खोलने का अधिकार नहीं है?”