लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड जीत के बाद अब बीजेपी अपने अगले मिशन में जुट गई है। गृहमंत्री और मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आज पार्टी की राज्य इकाईयों के साथ बैठक कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश के नए बीजेपी अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हो सकती है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय केन्द्रीय मंत्रीमंडल में शामिल हो चुके हैं, जिसके बाद अब सबकी निगाहें नए प्रदेश अध्यक्ष और 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर टिकी हैं। इस बार बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत हासिल की है।

नए नाम पर हो सकती है चर्चा: मौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद अब प्रदेश बीजेपी की कमान किसी नए चेहरे को दी जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इसके लिए प्रदेश के ही कई नेताओं का नाम आगे चल रहा है। जिनमें योगी सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर, लक्ष्मण आचार्य और सांसद महेश शर्मा जैसे कई नाम शामिल है। हालांकि पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

National Hindi News, 13 June 2019 LIVE Updates: दिन भर की बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

इन नामों का जिक्र: मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पार्टी एक ऐसा नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है, जो सवर्ण और पिछड़ा के साथ-साथ दलित वोट बैंक को भी सहेजकर रख सके। ऐसे में गौतमबुद्धनगर से बीजेपी सांसद डॉ. महेश शर्मा का नाम रेस में शामिल बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके पास सरकार के काम का अनुभव और संगठन के व्यक्ति के तौर पर पहचान फायेदमंद साबित हो सकती है। इसी तरह उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को भी संगठन में लाकर एक प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही महामंत्री विजय बहादुर पाठक भी अध्यक्ष पद के लिए संगठन की दृष्टि से पसंद हो सकते हैं।

फेहरिस्त में ये भी हैं शामिल: बताया जा रहा है कि बीजेपी अगर किसी ओबीसी चेहरे पर दांव लगाने की सोचती है तो उसमें स्वतंत्र देव सिंह का नाम शामिल होगा। वह योगी सरकार में परिवहन मंत्री और मध्य प्रदेश के प्रभारी भी हैं। इसके बाद आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल, मंत्री दारा सिंह चौहान का नाम भी चर्चा में है। साथ ही बीजेपी अगर दलित समुदाय से अध्यक्ष बनाएगी तो पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, प्रफेसर रामशंकर कठेरिया, विद्यासागर सोनकर जैसे नामों पर भी चर्चा हो सकती है।