महाराष्ट्र में शिवसेना के 15 बागी विधायकों को केंद्र सरकार ने वाई प्लस कैटेगरी सुरक्षा प्रदान की है। महाराष्ट्र में जारी सियासी गतिरोध के बीच बागी विधायकों के खिलाफ शिवसैनिकों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए केंद्र ने यह फैसला लिया है। बागी विधायकों ने आरोप लगाया था कि उनके परिवार की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है। जबकि, बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने भी कहा था कि अगर बागी विधायकों के परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए सीएम उद्धव ठाकरे जिम्मेदार होंगे। कई जगहों पर शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के दफ्तर को निशाना बनाया है। इसको लेकर एकनाथ शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था।

इस बीच, महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत भी गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। वह शिंदे खेमे में शामिल होने वाले 8वें मंत्री हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटाने के महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर कानूनी राय लेने के बाद एकनाथ शिंदे गुट अदालत का दरवाजा खटखटाएगा। शिंदे गुट का कहना है कि डिप्टी स्पीकर को नोटिस का जवाब देने के लिए बागी विधायकों को कम से कम 7 दिन का समय देना चाहिए था। वहीं, आगे की रणनीति क्या होगी, इसके लिए गुवाहाटी में बागी विधायकों की बैठक जारी है।

दूसरी तरफ, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई में सामना कार्यालय के बाहर शिवसेना के बागी विधायकों के विरोध में बाइक रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की। वहीं, पुणे में बागी विधायकों के खिलाफ शिवसैनिकों ने ‘जूते मारो आंदोलन’ शुरू किया। इस दौरान, शिवसैनिक बागी विधायकों की तस्वीर पर जूते मारते देखे गए। जबकि, एकनाथ शिंदे खेमे के समर्थकों ने उद्धव ठाकरे के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों पर पेंट कर दिया।

दूसरी तरफ, आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा, “दुख है कि जिस असम में बाढ़ आई है, जहां लोगों के लिए रहने के लिए जगह नहीं है वहां विधायकों पर पैसा खर्च किया जा रहा है। यह बात लोगों को सोचनी चाहिए। इस देश में लोकशाही है या नहीं यह भी सोचना जरूरी है क्योंकि यह (BJP) इसको विकल्प की तरह ले रहे हैं।”