Bihar Politics: बिहार में जदयू और भाजपा की राहें उस वक्त अलग हो गईं जब पार्टी प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया। इसके बाद उन्होंने महागठबंधन की सरकार में आठवीं बार बिहार के सीएम के तौर पर शपथ ली जिसमें राजद और कांग्रेस भी शामिल हैं। बिहार की राजनीति पर पैनी नजर बनाए रखने वाले चुनावी रणनीतिकार और कभी नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर भी सक्रिय राजनीति में उतरने के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं और उनका अगला लक्ष्य 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव है। पीके इन दिनों अपनी पार्टी खड़ी करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर की राजनीतिक पार्टी 2024 के मध्य तक अस्तित्व में आ सकती है और माना जा रहा है कि इसके बाद वह 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में भी उतर सकते हैं। हमारे सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पीके की टीम के एक सदस्य ने कहा, “हम बिहार की राजनीति को ऊपर से देखते रहे हैं, अब जमीन पर उतरने का समय आ गया है।”
इस साल मई में शुरू किए गए ‘जन सुराज’ यात्रा के जरिए पीके ने अपनी पार्टी को आकार देना शुरू कर दिया है, जिसको लेकर उन्होंने दावा है कि बिहार को एक ऐसा राजनीतिक विकल्प देने का प्रयास है जो जाति की राजनीति से ऊपर बिहार के पिछड़ेपन के पीछे के कुछ मूल मुद्दों तक पहुंच सके।
लगभग 150-200 जनसभाएं कर चुके हैं पीके
पार्टी खड़ी करने की कवायद के बीच, पीके बिहार के विभिन्न जिलों में लगभग 150-200 जनसभाएं कर चुके हैं। वह 2 अक्टूबर से शुरू होने वाली पदयात्रा के दौरान पूरे राज्य का दौरा करेंगे और लोगों से मिलने के लिए हर पंचायत और ब्लॉक तक पहुंचेंगे। प्रशांत किशोर के अनुसार, पदयात्रा के डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद पार्टी का ऐलान किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि इसका उद्देश्य न केवल लोगों की समस्याओं को समझना है, बल्कि राज्य भर से सही लोगों की पहचान करना भी है, जिन्हें राजनीति में लाया सके।
सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने पूरे राज्य में एक सर्वे किया, जहां उन्होंने पाया कि बिहार में 67 प्रतिशत लोग मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था का विकल्प चाहते हैं और वे 30 सालों की पिछली सरकारों से संतुष्ट नहीं हैं। विकल्प की तलाश करने वालों में से 30 प्रतिशत 20 से 35 वर्ष की उम्र के युवा थे। इसके बाद, पीके ने उनके साथ आने के इच्छुक लोगों के लिए एक फोन नंबर जारी किया। प्रशांत किशोर की टीम के मुताबिक, 2 मई को जब यह अभियान शुरू हुआ तो 17,000 लोगों ने इस नंबर पर कॉल किया और वर्तमान में यह संख्या 75,000 पहुंच गई है।
