Madhya Pradesh News: लंबे समय से सड़क के लिए संघर्ष कर रहीं लीला साहू की मेहनत रंग लाई है। सीधी जिले की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की मांग पर अब गांव से बाहर जाने वाले रास्ते पर टूटे हुए हिस्से को जोड़ने के लिए काम शुरू हो चुका है। लीला साहू ने कहा कि यह विकास स्थानीय विधायक अजय सिंह की तरफ से इस मामले को उठाए जाने के बाद हुआ है।
लीला साहू ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘आज कुछ लोग आए और मेरे गांव के पास निर्माण का काम शुरू कर दिया। मुझे पता चला कि स्थानीय विधायक अजय सिंह राहुल ने पहल की थी। वे अब सड़क के सबसे खराब हिस्सों को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कम से कम वाहन आ-जा सकें।’ चुरहट विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय ने पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी पहल पर ही मरम्मत का काम किया जा रहा है।
स्थानीय विधायक ने क्या बताया?
विधायक अज सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘जब इस महिला ने अपनी दुर्दशा के बारे में बताया, तो स्थानीय सांसद ने कहा कि वह उसे नियत तारीख पर पहुंचा देंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण था और मैंने सोचा, चलो कम से कम कुछ तो करते हैं ताकि गाड़ियां गुजर सकें। मैं एक साल से इस सड़क को बनवाने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इसलिए अब, मैं अपने संसाधनों से कुछ किलोमीटर सड़क बनवा रहा हूं।
रामपुर नैकिन विकासखंड इलाके के खड्डी खुर्द के बगैया टोला से गजरी को जोड़ने वाली सड़क बेहद खराब हालत में थी। इसी को लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लीला साहू पिछले एक साल से संघर्ष कर रही थीं। उन्होंने अपने वीडियो ब्लॉग में कई नेताओं को टैग किया था। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजेश मिश्रा का नाम शामिल है।
बीजेपी सांसद ने दिया था विवादित बयान
बीजेपी सांसद मिश्रा की उन्होंने जमकर आलोचना की थी। इसके बाद सांसद ने विवादास्पद बयान दिया था। मिश्रा ने कहा, ‘हर डिलीवरी की एक डेट होती है। अगर वह चाहे, तो उसे जल्दी अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। हम खाने और पानी सहित सभी सुविधाएं देंगे।’ इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि डिलीवरी की तारीख से पहले ट्रांसपोर्ट का इंतजाम कर दिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
गांव की महिलाएं खुश- लीला साहू
सांसद के बयान पर लीला साहू ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। लीला ने कहा, ‘मुझे दुख हुआ। मुझे इन वादों पर भरोसा नहीं है। आखिर में मुझे अभी भी एंबुलेंस पर निर्भर रहना होगा। मेरी एकमात्र आशा यही है कि जब समय आएगा, तो एंबुलेंस वास्तव में मेरे घर पहुंच सकेगी।’ खड्डी खुर्द के लोग अभी भी अस्पताल पहुंचने के लिए ट्रैक्टर या कोई और वाहन का इस्तेमाल करते हैं। लीला ने कहा, गांव की महिलाएं सड़क निर्माण शुरू होने से खुश हैं। हमें उम्मीद है कि एंबुलेंस अब और नहीं फंसेगी।’