बाहुबली मुख्तार अंसारी से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज राजीव गुप्ता ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है। मामला चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया है। इसके साथ ही जस्टिस गुप्ता ने चीफ जस्टिस से मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच गठित करने की सिफारिश की है। यह मामला बाहुबली मुख्तार अंसारी की सिफारिश पर चार लोगों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने का है।

क्या है मामला? उत्तर प्रदेश में करीब 20 साल पहले विधायक रहते हुए मुख्तार अंसारी ने अपने लेटर पैड पर लिखकर इसराइल, अनवर, सलीम और शाह आलम को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की सिफारिश की थी। सालों बाद जांच में सभी के पते फर्जी पाए गए थे। इस मामले में लाइसेंस हासिल करने वाले चारों लोगों के साथ ही मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था। 5 जनवरी 2020 को सभी आरोपियों के खिलाफ यूपी के मऊ के दक्षिण टोला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

पहले भी नहीं हो सकी थी सुनवाई: इससे पहले भी अप्रैल में बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी से जुड़े दो मामलों की इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी थी। दोनों मामलों की सुनवाई कर रही सिंगल बेंच के जज राजीव गुप्ता ने मुख्तार के मामलों में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। जिसके बाद दोनों मामले चीफ जस्टिस के पास भेजे गए थे।

चार्जशीट रद्द करने की मांग: मुख्तार अंसारी पर पहला मामला 2012-13 में विधायक निधि में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। जिसके बाद मुख्तार अंसारी ने चार्जशीट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ दूसरा मामला आजमगढ़ के तिर्वा थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे से जुड़ा है। इस मामले में अंसारी ने जमानत अर्जी दाखिल की थी।

मुख्तार अंसारी के वकील पर केस: हाल ही में मुख्तार अंसारी के वकील दरोगा सिंह पर मऊ जिले के थाना सराय लखंसी के अंतर्गत किन्नूपुर गांव में मुकदमा दर्ज हुआ था। उन पर जजों को गाली देने और अभद्र टिप्पणी के मामले में जिला प्रशासन ने कानूनगो की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया था।