उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर की गई कार्रवाई से कई मंत्री नाराज हैं। सोमवार को योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार की वजह से हटा दिया था। जिससे नाराज लोकनिर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी लेकिन बुधवार को वो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। वहीं योगी सरकार के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि वो पिछले कुछ समय से अपने विभाग के अधिकारियों पर उनकी बातों को अनसुना करने का आरोप लगा रहे थे। मंत्रियों की नाराजगी और इस्तीफे को लेकर समावादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है।
उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर हुए भ्रष्टाचार के बाद योगी सरकार की कार्रवाई से कई मंत्री नाराज हैं। इस बात को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है,’कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है।’ दिनेश खटीक को लेकर अखिलेश यादव ने कहा,’जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले। ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए सही उपाय है।’
दिनेश खटीक ने भेजा इस्तीफा
जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने बुधवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेज दिया है। आपको बता दें कि दिनेश खटीक ने जलशक्ति विभाग अधिकारियों पर उनकी बातों को अनसुनी किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है, दलित होने की वजह से मेरे विभाग के अधिकारी मेरी बात नहीं सुनते हैं। एक मंत्री के तौर पर इस तरह का अपमान पूरे दलित समुदाय का अपमान है। इस वजह से मैं अपने पद से त्यागपत्र भेज रहा हूं।
दलित होने के नाते अफसर करते हैं भेदभाव
दिनेश खटीक ने बताया, एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है जिससे पूरा दलित समाज भाजपा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है। परन्तु शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी की सूचना दी जाती हैहैं न ही विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है तथा उस पर क्या कार्यवाही हो रही है इत्यादि कोई सूचना अधिकारियों द्वारा नहीं दी जाती है जिसके कारण राज्य मंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद भी नाराज
उत्तर प्रदेश में इंजीनियरों के तबादलों और डॉक्टरों के तबादलों को लेकर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। इसके बाद योगी सरकार ने इन मामलों में बड़ा एक्शन लेते हुए जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को हटा दिया था। इसके अलावा सीएम योगी ने PWD के 5 अफसरों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। सीएम योगी की इस कार्रवाई से जितिन प्रसाद नाराज हैं। जिसके लिए वो आज दिल्ली पहुंचे हैं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं।
जितिन प्रसाद से अनिल पांडेय का पुराना नाता
योगी सरकार में पीडब्ल्यूजी मंत्री जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले ही बीजेपी ज्वाइन की थी इसके पहले वो कांग्रेस में थे। यूपीए सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम किया था। इस दौरान जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय ही थे। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में जितिन प्रसाद के मंत्री बनने के बाद अनिल कुमार पांडेय ने यूपी में अपनी पोस्टिंग के लिए आवेदन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनिल पांडेय के आवेदन पर मंत्री जितिन प्रसाद की सहमति के बाद ही यूपी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति दी गई थी। वह जितिन प्रसाद के साथ तैनात थे।