समाजावादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव गुरुवार को सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें अवैध खनन के एक पांच साल पुराने मामले में गवाह के तौर पर शामिल होने के लिए समन भेजा था।

समाजवादी पार्टी के एक सीनियर नेता ने बताया कि अखिलेश यादव ने CBI के सामने पेश होने में असमर्थता जताई और एजेंसी से पूछा है कि उसने पिछले पांच सालों में इस मामले में उनसे कोई जानकारी क्यों नहीं मांगी।

हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम ने सीबीआई को इस बात के लिए आश्वासन दिया को वो जांच में हर तरह का सहयोग करेंगे।

अखिलेश यादव क्या बोले?

CBI को अपने वकील के जरिए भेजे जवाब में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सीबीआई के सामने पेश होने में असमर्थता जाहिर की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त होने की वजह से वह पेश होने में असमर्थ हैं लेकिन वह जांच में हर तरह का सहयोग और समन्वय करने के लिए तैयार हैं।

गुरुवार दोपहर मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे समन बताते हैं कि सीबीआई कुछ भी नहीं है लेकिन बीजेपी की एक विंग जरूर है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले समन आना दिखाता है लेकिन ये बीजेपी की सेल की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो कागज आया था, हमने उसका जवाब दे दिया है।

इस दौरान उन्होने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव लोकतंत्र औऱ संविधान बचाने वालों और इसे बर्बाद करने पर तुले लोगों के बीच में एक युद्ध है। अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार, लॉ एंड ऑर्डर पर जीरो टॉलरेंस की बात करते थे, अब इन समस्याओं के खिलाफ उनका टॉलरेंस बिलकुल जीरो हो गया है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने डिफेंस सेक्टर में निवेश के सपने दिखाए, टॉप इन्वेस्टर्स के साथ बैठकें कीं। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद भी ग्राउंड पर हकीकत कुछ और है।