बीजेपी के एमएलसी सुभाष यदुवंश का कहना है कि अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह, पिता मुलायम सिंह का अपमान किया। ये औरंगजेबी संस्कृति है। उनका कहना है कि सैफई परिवार के कुकर्मों की सजा यादव क्‍यों भुगतेगा। यादव राष्ट्रवादी तबियत का आदी है। वो सत्ता के साथ रहेगा।

यदुवंश का कहना था कि बीजेपी सर्वसमाज की पार्टी है। जबकि अखिलेश गाय काटने वालों के साथ खड़े हैं। अखिलेश के शब्दकोष में मोदी जी और योगी जी की आलोचना के अलावा कुछ नहीं है। जनता भी पश्चाताप करती है कि ऐसे नेता विपक्ष की कमान संभाल रहे हैं। उनका कहना था कि अगर शिवपाल चाचा बीजेपी में आना चाहते हैं तो तहे दिल से स्वागत है।

हालांकि सोशल मीडिया पर यदुवंश को लोगों ने जमकर आड़े हाथ लिया। परम सिंह ने लिखा कि सत्ताभोगी लोग किसी भी हद तक बोल सकते हैं। उप्र मे एक जाति यानि यादवों के प्रति जो अत्याचार हो रहा हैं किसी की हिम्मत नहीं हैं बोलने की। चाहे सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष। ये जाति खुद अपनी प्रति अत्याचार को सहन कर रही हैं। इतना भेदभाव हो रहा हैं। टुनटुन यादव ने लिखा कि वह यादव नही हो सकता है जो बीजेपी का साथ देगा।

एक यूजर का कहना था कि सुभाष जी याद रखना आप MLC का टिकट आपकी काबिलियत पर नहीं, अखिलेश के कीमत पर ही मिला है। एक ने लिखा कि तुम बीजेपी के चापलूसी करो हम सभी समाजवादी पार्टी के साथ हैं। प्रवीन यादव ने लिखा कि यादव के साथ अत्याचार कर रही हैं बीजेपी। दम हैं तेरे में बीजेपी से सवाल करने का। एक यूजर का कहना था कि यादव समाज हमेशा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ है और रहेगा। न कि सत्ता का सुख भोगने वालों के साथ।

राकेश यादव ने लिखा कि हम सत्ता के लोभी नहीं है। गोरक्षा के लिए बीजेपी के साथ जाने की जरूरत नहीं है। हम खुद ही काफी हैं। जय समाजवाद। हम संघी लोगो के साथ नही हैं। प्रणव राय ने लिखा कि विधायक जी का प्रयास निश्चित रूप से असफल होगा। वे बेचारे वहां ठीक है जहां है, उनकी मानसिकता के अनुरूप उनकी पार्टी है। यही सत्य है। बाकी राजनीति करते रहे। एक का कहना था कि बीजेपी के चापलूसी करने मे ज्यादा ही पार गए।