उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने सोमवार को अपना सातवां मंत्रिमंडल विस्तार किया। इस दौरान दो कबीना और स्वतंत्र प्रभार वाले दो राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राजभवन में कबीना मंत्री की शपथ लेने वालों में से एक बलराम यादव को एक हफ्ते पहले और नारद राय को कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ लेने वाले लखनऊ से विधायक हैं। मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री मनोज कुमार पांडेय को बर्खास्त कर दिया।

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे राजभवन में आयोजित समारोह में पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव और पूर्व कबीना मंत्री नारद राय को मंत्री पद की शपथ दिलाई। जबकि लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मेहरोत्रा और सरोजनीनगर से विधायक शारदा प्रताप शुक्ल को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ दिलाई गई। वहीं जियाउद्दीन रिजवी को मंत्री पद की शपथ लेनी थी। लेकिन उमरा पर जाने की वजह से वो शपथ नहीं ले सके।

शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री मनोज कुमार पांडेय को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिया। ब्राह्मणों के बीच जनाधार के न होने के बावजूद इस बिरादरी पर अपनी दखल दिखलाने की हरसंभव कोशिश में लगे मनोज पांडेय की सभी कोशिशें आज नाकाम साबित हुर्इं। यह वही मनोज पांडेय हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान दिलकुशा कालोनी स्थित अपने सरकारी आवास पर यज्ञ आयोजित कर पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को उसमें बुलाकर सुर्खियां बटोरी थीं। उस वक्त उन्होंने सपा मुखिया को आश्वासन दिया था कि प्रदेश के अधिसंख्य ब्राह्मण पदोन्नति में आरक्षण के सपा के विरोध के चलते उनके साथ हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम में उनके सभी वादों की हकीकत सामने आ गई थी।

जिन मंत्रियों को सोमवार को शपथ दिलाई गई उनमें बलराम यादव को हाल ही में मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिया था। उनपर कौमी एकता दल की पैरवी के आरोप लगे थे। उसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। जबकि निराशाजनक काम करने की वजह से नारद राय की मंत्रिमंडल से विदाई हुई थी। जिन दो मंत्रियों को राज्मंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ दिलाई गई उनमें रविदास मेहरोत्रा ने 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री के एक निर्णय पर विरोधी बयान देकर उनकी नाराजगी मोल ली थी। विधायक निधि से विधायकों को वाहन खरीदने की सहूलियत देने के मुख्यमंत्री के फैसले का रविदास मेहरोत्रा ने मुखर विरोध किया था। तब से वह मुख्यमंत्री की नाराजगी का शिकार रहे।

राजभवन में हुए शपथग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, प्रोफेसर रामगोपाल यादव, अमर सिंह समेत प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों और आला अधिकारियों ने शिरकत की।