पठानकोट आतंकवादी हमले से निपटने के सरकार के तरीके पर प्रहार करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि घटना पर विरोधाभासी बयानों से पता चलता है कि संस्थागत तंत्र नाकाम हो गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी शक्तियां अपने हाथों में केंद्रित कर ली हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आंतरिक सुरक्षा स्थिति को गंभीर बताते हुए उम्मीद जताई कि आतंकवादी खतरे को नाकाम करने में केंद्र सभी जरूरी कदम उठा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने सरकार पर जोरदार हमला करते हुए आरोप लगाया कि संस्थागत प्रणाली नाकाम हो गई है। सरकार अंधेरे में है। माकन ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘संस्थाएं अलग-अलग काम कर रही हैं न कि एकजुट होकर। यह भयावह है। यहां तक कि गृहमंत्री को पता नहीं है कि कितने आतंकवादी मारे गए। गृह मंत्री को यह भी नहीं पता है कि अभियान चल रहा है या खत्म हो गया। जब गृहमंत्री कहते हैं कि आॅपरेशन खत्म हो गया है तो गृह सचिव कहते हैं कि यह जारी है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर गृहमंत्री को नहीं मालूम है कि क्या हुआ तो यह दर्शाता है कि इस सरकार में संस्थागत तंत्र किस कदर नाकाम हो गया है। यह दिखाता है कि सरकार को कुछ नहीं पता है। सरकार के एक हिस्से को यह नहीं पता है कि चीजें कैसे चल रही हैं।’
उन्होंने अफसोस जताया कि 56 घंटे बीत जाने के बाद भी यह पता नहीं है कि सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक हुई भी है या नहीं। माकन ने आरोप लगाया कि ऐसी गंभीर स्थिति पर सक्रिय होने वाला संस्थागत तंत्र खत्म कर दिया गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने सभी शक्तियां अपने हाथों में ले ली हैं। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति एक उदाहरण है जो दिखाता है कि प्रधानमंत्री हर चीज पीएमओ से करने का प्रयास कर रहे हैं और संबंधित मंत्री तक को विश्वास में नहीं लिया जाता है।
पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर शेष दो आतंकवादियों के खिलाफ जारी अभियान के बीच केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने रविवार को कहा कि यह पता नहीं है कि अंदर कितने आतंकवादी मौजूद हैं। महर्षि का बयान गृह मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट के एक दिन बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन पूरा हो गया है और इसमें पांच आतंकवादी मारे गए हैं। सिंह ने बाद में अपना ट्वीट हटा लिया। माकन ने हमले में पाकिस्तान की भूमिका पर सरकार की चुप्पी को लेकर भी सवाल खड़े किए।
उन्होंने पूछा कि क्या कारण है कि आतंकवादियों के पाकिस्तान से जुड़े होने के पर्याप्त साक्ष्य के बावजूद प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री पाकिस्तान का नाम नहीं ले रहे हैं। आतंकवादियों ने पठानकोट से पाकिस्तान के नंबर पर फोन किया। उन्होंने पठानकोट में पाकिस्तान के नंबर से टैक्सी भी बुक कराई। भारत सरकार पाकिस्तान के बारे में चुप क्यों है? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहते हैं कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के समय, गुजरात के मुख्यमंत्री रहते वे मुंबई हमले के स्थान पर गए थे और अभियान जारी रहने के बीच ही उन्होंने वहां प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस सरकार की आलोचना की थी।’
माकन ने पूछा, ‘प्रधानमंत्री अब आतंकवादियों को पाकिस्तानी आतंकवादी की बजाय मानवता का दुुश्मन क्यों कह रहे हैं। उन्हें पकिस्तानी आतंकवादी क्यों नहीं बता रहे?’ माकन ने कहा कि मुंबई में 26/11 के हमले के बाद से पठानकोट हमला सबसे खतरनाक हमला है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सहित पूरा देश इस समय सुरक्षा बलों और सरकार के साथ है और भारत की सुरक्षा के खतरे को दूर करने में एकजुट है।’