प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा के लिए दस लाख रुपए कर्ज देने की दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का पोल खोलने ता दावा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने एक संवादाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने करोड़ों रुपए के विज्ञापन देकर विद्यार्थियों को दिए जाने वाले लोन स्कीम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने विद्यार्थियों के 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए गांरटर बनने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि पहले से ही एक योजना केंद्र सरकार चला रही है। इसमें विद्यार्थियों को 7.50 लाख रुपए तक के लोन लेने में सिक्योरिटी, कोलेटरल या थर्ड पार्टी गांरटी की कोई जरूरत नहीं है। वहीं चार लाख तक के एजुकेशन लोन के लिए किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी को माफ कर दिया गया था।

माकन ने कहा कि कांग्रेस ने सूचना के अधिकार के तहत सरकार से पूछा था कि 11 जून 2015 से लागू हॉयर एजुकेशन और स्कील एजुकेशन गांरटी स्कीम में अब तक कितने विद्यार्थियों ने आवेदन दिए हैं। इस प्रश्न के जवाब में दिल्ली सरकार का उत्तर आया, कोई नहीं। माकन ने बताया कि दूसरे प्रश्न के जवाब में कि इस स्कीम का टोटल बजट कितना है, 30 करोड़ रुपए की रकम बताई गई। माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस स्कीम पर मात्र 30 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा है जबकि केजरीवाल सरकार ने 30 करोड़ से ज्यादा रुपए इसके प्रचार व प्रसार पर खर्च कर दिए हैं। चौंकाने वाली जानकारी यह मिली कि अब तक इस मद में एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 31 दिसंबर 2013 तक 57,700 करोड़ रुपए विद्यार्थियों को एजुकेशन लोन के रूप में बांटा। कुल 25,70,254 विद्यार्थियों को इसका फायदा हुआ। लेकिन यूपीए सरकार ने कभी भी अपनी पीठ नहीं थपथपाई और न प्रशंसा के लिए अखबारों में विज्ञापन छपवाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की इस स्कीम को लेने के लिए अभिभावकों को साझा कर्जदाता बनना पड़ेगा।