लक्षद्वीप की फिल्मकार आयशा सुल्ताना ने प्रशासक प्रफुल पटेल को जैविक हथियार करार दे दिया था। इसके बाद उनपर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। इस बात को लेकर भाजपा के अंदर ही अनबन हो गई है। पार्टी अध्यक्ष ने आयशा पर राजद्रोह का केस दर्ज करवाया तो लगभग दर्जनभर भाजपा नेताओं ने इस्तीफा सौंप दिया।

बता दें कि कावारत्ती पुलिस ने आयशा के खिलाफ केस दर्ज किया है। लक्षद्वीप में भाजपा के चीफ सी अब्दुल खादर हाजी ने यह केस दर्ज करवाया है। दरअसल एक मलयालम टीवी न्यूज चैनल पर आयशा ने प्रफुल पटेल को जैविक हथियार बता दिया था। उनके कई फैसलों के खिलाफ लक्षद्वीप में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

भाजपा के जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हाजी द्वारा लगाए गए आरोप सही नहीं हैं और वह सुल्ताना के साथ उनके परिवार का भविष्य ख़त्म करना चाहते हैं। उन्होंने सुल्ताना का पक्ष रखते हुए कहा कि वह केवल लक्षद्वीप के लोगों के हित की बात कर रही थीं। नेताओं ने यह भी कहा कि भाजपा भी जानती है कि प्रफुल पटेल किस तरह से ‘अलोकतांत्रिक, जनताविरोधी और गलत काम कर रहे हैं।’

इस्तीफा देने वाले नेताओं में भाजपा के राज्य सचिव अब्दुल हामिद मुलीपुरा भी शामिल हैं। इसके अलावा वक्फ़ बोर्ड के उम्मुल कुलूस पुतियापुरा, खादी बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह पोक्कियोदा, जाबिर सालीहात मंजिल और कई अन्य नेता भी इस्तीफा दे चुके हैं।

लक्षद्वीप में बीफ बैन और दो बच्चों की नीति को लेकर प्रशासक प्रफुल पटेल की जमकर आलोचना हो रही है। इस नीति के मुताबिक स्थानीय चुनाव में केवल वही भाग ले सकते हैं जिनके दो या इससे कम बच्चे हैं। इसके अलावा भूमि अधिगृहण के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव पर भी बहस हो रही है। आयशा ने अपने बयान के बाद भी फेसबुक पर पोस्ट लिखकर इसे सही ठहराया था। फिल्मी दुनिया से जुड़ीं आयशा प्रस्तावित कानूनों के खिलाफ अभियानों का नेतृत्व करती रही हैं।