वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने सोमवार को कहा कि वायुसेना मरने वालों की गिनती नहीं करती और बालाकोट आतंकी शिविर पर हवाई हमले में हताहत लोगों की संख्या की जानकारी सरकार देगी। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मरने वालों की संख्या लक्षित ठिकाने में मौजूद लोगों की संख्या पर निर्भर करती है। पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर 26 फरवरी को भारत द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर तक भारत के शस्त्र भंडार में आ जाना चाहिए। धनोआ ने कहा कि जब शत्रु हमला करता है तो जवाब देने के लिए हर मौजूद विमान का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी विमान का मुकाबला करने के लिए इस्तेमाल किया गया मिग-21 विमान आधुनिक हथियार प्रणाली से लैस एक उन्नत विमान था।
धनोआ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय वायुसेना की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर राजनेताओं की तरफ से लगातार बयान दिए जा रहे हैं। पुलवामा हमले के बाद भारत की तरफ से यह कार्रवाई की गई थी। इसमें बालाकोट के आतंकी ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त कर दिया गया था।
21 मिनट की कार्रवाई से हिल गए आतंकीः भारतीय वायुसेना ने 12 मिराज-2000 विमानों के जरिए करीब 21 मिनट तक बम बरसाए। करीब 1 टन लेजर गाइडेड बम से आतंकियों के ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए। बताया जा रहा है कि इनमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के रिश्तेदार की भी मौत हुई है। इस हमले के बाद मसूद को भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की तरफ से संरक्षण दिए जाने की बात सामने आई है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘जैसे अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद सबूत दिए थे। वैसे भारत को भी देना चाहिए।’ दिग्विजय के इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बताया कि भारत ने 250 से ज्यादा आतंकी मार गिराए। इस बयान पर अरविंद केजरीवाल ने तंज कसा और कहा कि क्या अमित शाह के मुताबिक सेना झूठ बोल रही है?