ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल तेलंगाना के निर्मल विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि “कांग्रेस ने यहां (निर्मल) रैली कैंसिल करने के लिए उन्हें 25 लाख रुपए का ऑफर दिया था। अब अहंकार में चूर कांग्रेस के खिलाफ और क्या सबूत चाहिए? मैं उनमें से नहीं हूं जिन्हें खरीदा जा सकता है।” अपनी इस रैली को दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। रैली के दौरान ओवैसी ने लोगों से क्षेत्रीय पार्टियों को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियां ही रोक सकती हैं।
हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी ने एक रैली के दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018 के लिए भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में पूरे राज्य में एक लाख गाएं वितरित करने का ऐलान किया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वो एक गाय मुझे भी देंगे…? मैं वादा करता हूं कि उसे पूरे सम्मान के साथ रखूंगा। लेकिन सवाल ये है क्या वो देंगे…? बता दें कि तेलंगाना में आगामी 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। 119 सीटों वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। इन विधानसभा चुनावों में सत्ताधारी चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया है।
Congress offered me Rs 25 lakhs to cancel my rally here(Nirmal), what more proof of their arrogance is needed. I am not the one who can be bought: Asaduddin Owaisi in Nirmal #TelanganaElections2018 (19.11.18) pic.twitter.com/LAYqGCheha
— ANI (@ANI) November 20, 2018
कांग्रेस ने भी कुछ क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर टीआरएस को टक्कर देने की योजना बनायी है। वहीं भाजपा अकेले ही चुनाव मैदान में उतर रही है। हालांकि अभी तक तो पलड़ा टीआरएस का ही भारी नजर आ रहा है। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना में टीआरएस की सरकार ने तय समय से पहले विधानसभा भंग कर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। टीआरएस प्रमुख केसीआर ने बहुत सोच-समझकर यह फैसला लिया है। दरअसल इस वक्त राज्य में टीआरएस का जनाधार मजबूत है और साथ ही विपक्ष अभी चुनाव के लिए तैयार नहीं था। यही वजह है कि केसीआर जनता के समर्थन को वोट में तब्दील कर फिर से सत्ता कब्जाना चाहते हैं।