पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए दिल्ली में एम्स के कुछ रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार (13 जून) को यहां प्रतीकात्मक प्रदर्शन करते हुए अपने सिर पर पट्टी बांध कर काम किया और शुक्रवार (14 जून) को काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की निंदा करते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने देश भर के आरडीए से सांकेतिक हड़ताल में शामिल होने को कहा है।
बंगाल के डॉक्टरों की स्थिति हताश करने वालीः एम्स आरडीए ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ जारी और लगातार बिगड़ती हिंसा की स्थिति चिंतित और हताश करने वाली है। बयान में कहा गया, ‘कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, डॉक्टरों के हॉस्टलों पर भीड़ द्वारा हथियार के साथ हमला करने की खबरें आ रही हैं। सरकार डॉक्टरों को सुरक्षा और न्याय दिलाने में विफल रही है।’ इसमें कहा गया कि एम्स आरडीए इन घटनाओं से बेहद आहत है। एम्स आरडीए पश्चिम बंगाल के अपने सहयोगियों के समर्थन में उनके साथ खड़ी है और हमनें उनके समर्थन में 13 जून को प्रदर्शन करने और 14 जून को एक दिन के लिए हड़ताल रखने का फैसला किया है। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, ओपीडी, नियमित और वार्ड सेवाएं बंद रहेंगी।
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‘हमें न्याय चाहिए के लगाए नारे’: कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में जूनियर डॉक्टर पर हमले और उसे गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना के बाद से डॉक्टर मंगलवार (11 जून) से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने ममता के सामने ‘ हमें न्याय चाहिए’ के नारे भी लगाए। प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले दो दिनों में राज्य में कई सरकारी चिकित्सकीय कॉलेजों एवं अस्पतालों और कई निजी चिकित्सकीय सुविधाओं में आपातकालीन वार्ड, बाह्य सुविधाएं और कई रोगविज्ञान इकाइयां बंद हैं।