Bihar Assembly: बिहार आरजेडी-जदयू के गठबंधन की सरकार बुधवार को विधानसभा में अपना शक्ति परीक्षण कर रही है। इसके लिए विधानसभा में कार्यवाही शुरू होने के बाद विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि मुझे समय नहीं दिया गया नहीं तो मैं नई सरकार बनने के बाद खुद ही स्पीकर पद का त्याग कर देता।
विजय सिन्हा ने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कहा कि आप सभी लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर के पुजारी हैं। मुझपर जो मनमानी तरीके की कार्यशैली को लेकर और तानाशाही करने के आरोप लगाए गए हैं, उसका जवाब देना जरूरी है। गौरतलब है कि भाजपा के विजय कुमार सिन्हा जदयू और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार में स्पीकर बने थे।
अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विजय सिन्हा ने कहा, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपका अविश्वास प्रस्ताव अस्पष्ट है। 9 माननीय सदस्यों का जो पत्र मिला उसमें से 8 नियम के मुताबिक नहीं थे। वहीं बिहार विधानसभा के बाहर महागठबंधन के विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा देते हुए सिन्हा ने कहा कि मुझपर विधायकों द्वारा अनर्गल आरोप लगाए गये। ऐसे में उन्हें इन आरोपों पर जवाब देना था, इसलिए अब तक इस्तीफा नहीं दिया था।
इससे पहले उन्होंने मंगलवार (23 अगस्त) को कहा था कि वो बुधवार के सत्र की अध्यक्षता करेंगे। 9 अगस्त को आरजेडी ने अविश्वास प्रस्ताव भेजा था जिसके बाद माना जा रहा था कि वो इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट को देखें तो महागठबंधन को 243 सदस्यों की विधानसभा में 164 विधायकों के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।
नियमों के मुताबिक 14 दिन का अंतराल होना चाहिए
उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक, प्रस्ताव पर विचार किए जाने के दिन और विश्वास मत के दिन को छोड़कर 14 दिनों का अंतराल होना चाहिए। इस प्रकार यदि सिन्हा बुधवार को अध्यक्ष के पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें विश्वास मत के लिए बुलाए गए दो दिवसीय विशेष सत्र में गुरुवार को ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है।
नीतीश को विपक्षी नेता के तौर पर टक्कर देंगे सिन्हा
बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि सिन्हा इस्तीफा देने के खिलाफ थे क्योंकि वह पद छोड़ने से पहले विधानिक प्रक्रियाओं और अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में कुछ बातें कहना चाहते हैं। भगवा पार्टी के एक सूत्र ने कहा,”चूंकि सिन्हा का पिछले विधानसभा सत्र के दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ विवाद था इसलिए पार्टी अब उन्हें ऐसे नेता के रूप में पेश करना चाहती है जो अब विपक्षी विधायक के रूप में सीएम नीतीश कुमार को टक्कर दे सके।”
सदन प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कर सकता है- RJD
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया,“जब अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो उनके पास सदन की अध्यक्षता करने की संवैधानिक नैतिकता नहीं होती है। फिर भी अगर वह जारी रहता है तो सदन उसके खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर सकता है और एक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर सकता है।