यमुना एक्सप्रेस वे पर लगातार होते हादसों से निजात पाने के लिए प्रशासन ने एक नई तरकीब निकाली है। अब स्पीड डिटेक्टर कैमरों के अलावा 165 किमी लंबे एक्सप्रेसवे पर स्पीड गन्स का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे आगरा की सीमा में तेज स्पीड के कारण होने वाले हादसों को रोकने पर ध्यान दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि ये स्पीड गन्स एक जगह फिक्स नहीं होंगे। बता दें कि इसकी शुरुआत बीते शनिवार को ही की गई जिसमें 20 से अधिक गाड़ियां ओवर स्पीड (160 किमी/घंटा से अधिक) में फर्राटा भरते हुए पकड़ी गईं। बताया कि कैमरों की विफलता को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
टाइम्स नाउ में छपी खबर के मुताबिक, आगरा में ‘स्पीड गन’ की शुरुआत शनिवार को की गई थी, जिसमें पहले ही दिन कम से करीब 25 गाड़ियां 160 से अधिक किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती पाई गईं थी। यमुना एक्सप्रेसवे के कोऑर्डिनेटर इनचार्ज रहे सेवानिवृत्त मेजर मनीष सिंह के मुताबिक है, एक्सप्रेसवे पर 18 स्पीड डिटेक्टर कैमरा लगे हैं लेकिन लोग फिर भी हाई स्पीड में गाड़ियां दौड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि लोग बड़े मास्ट कैमरा देखकर गाड़ियां धीमी कर लेते हैं और फिर दूर जाकर फिर से स्पीड बढ़ा लेते हैं। बताया जा रहा कि कैमरों की विफलता को देखकर स्पीड गन के प्रयोग का फैसला लिए गया है। बता दें कि हाथ में पकड़ने वाले स्पीड गन्स एक जगह फिक्स नहीं होंगे। स्पीड गन्स की मदद से आगरा ट्रैफिक पुलिस को भी आराम मिलने की बात कही जा रही है।
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गौरतलब है कि पिछले महीने यमुना एक्सप्रेसवे पर एक बस के दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से इस रास्ते पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। इस एक्सप्रेसवे पर इस साल के अंदर हाई-स्पीड से 120 मौतें हो चुकी हैं।

