Pulwama Attack के बाद जम्मू-कश्मीर में धारा-370 हटाने की मांग काफी तेजी से उठी है, लेकिन एनडीए के सहयोगी दल इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्होंने कश्मीर में धारा-370 को खत्म नहीं करने की सलाह है, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे आगे हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘‘कश्मीर में आर्टिकल-370 पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। इस कदम से पुलवामा हमले के बाद कश्मीर और कश्मीरियों पर गलत असर पड़ सकता है।’’

यह बोले नीतीश कुमार : बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप इस मुद्दे पर हमारा रुख जानते हैं, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब संविधान में धारा-370 का जिक्र किया गया है तो इस पर बहस नहीं होनी चाहिए।’’ बता दें कि धारा-370 पर इस वक्त काफी ज्यादा राजनीति हो रही है। ऐसे में नीतीश कुमार ने सरकार से कहा कि इस आर्टिकल को हटाने का फैसला लेने पर विवाद बढ़ सकता है।

जरूरी कार्रवाई करें, आर्टिकल-370 छोड़कर : नीतीश कुमार ने एनडीए सरकार से कहा, ‘‘पुलवामा हमले को देखते हुए आप आगे बढ़ें और जरूरी कार्रवाई करें। इस पर कोई बहस नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आर्टिकल-370 को हटाया जाए।’’ बता दें कि जम्मू-कश्मीर में धारा-370 को हटाना बीजेपी की मूल विचारधारा माना जाता है। ऐसे में नीतीश की सलाह को चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

बीजेपी का यह है रुख : गौरतलब है कि बीजेपी भी यह मान चुकी है कि संविधान में संशोधन के लिए संसद में बिल पेश किया जाना चाहिए, लेकिन इसके लिए संख्या बल होना जरूरी है। संविधान में किसी भी तरह के बदलाव के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत मिलना जरूरी है। वहीं, धारा-370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जा चुकी है, जिसकी सुनवाई अप्रैल 2019 में होनी है।

पुलवामा हमले के बाद उठी थी मांग : बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने सीआरपीएफ के काफिले में शामिल एक बस में विस्फोटक भरी कार से टक्कर मार दी थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह ने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने की मांग की थी।