बिहार विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस के भीतर भी हलचल तेज हो गई है। महाराष्ट्र में निकाय चुनाव होने वाले हैं, और इसी बीच कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह महा विकास अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी। कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीएमसी चुनाव में मुंबई कांग्रेस अकेले मैदान में उतरेगी और सभी 227 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को बीएमसी चुनाव को लेकर मुंबई कांग्रेस ने मलाड में “लक्ष्य 2026” शिविर आयोजित किया था। इस शिविर में कई कांग्रेसी नेता शामिल हुए और विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया गया।
शिविर का सबसे बड़ा ऐलान यही रहा कि कांग्रेस अब “एकला चलो” की नीति पर चलने वाली है। जानकारों का मानना है कि यह फैसला उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि वे बीएमसी चुनाव में महायुति के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाना चाहते थे। उद्धव गुट की प्रवक्ता किशोरी पेडणेकर ने कहा कि कांग्रेस की यह अलग राह बिहार में मिली हार से जुड़ी हुईहै। यह फैसला कितना सही या गलत है, इसका पता आने वाले समय में चलेगा।
शिविर में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड़ ने भी बड़ा संकेत दिया। उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले छोटे दलों के साथ कांग्रेस बीएमसी चुनाव में मिलकर लड़ सकती है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि बिहार में जो भी नतीजे आए, उससे निराश होने की जरूरत नहीं है। बीएमसी चुनाव में पूरी ताकत लगाकर कांग्रेस का झंडा बुलंद करना है।
बिहार चुनाव नतीजों की बात करें तो एनडीए ने बंपर जीत हासिल करते हुए 202 सीटें अपने नाम की हैं। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन केवल 35 सीटें जीत पाया। जन सुराज का तो इस चुनाव में खाता तक नहीं खुल पाया।
