मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सिफारिश पर गवर्नर लालजी टंडन ने नवनियुक्त मंत्रियों को उनके बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है। नरोत्तम मिश्रा को गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है जबकि कमल पटेल को कृषि मंत्री, तुलसी सिलावट को जल संसाधन मंत्रालय, गोविंद सिंह राजपूत को खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और मीना सिंह को आदिवासी कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया है। इन पांचों मंत्रियों ने मंगलवार (21 अप्रैल) को मद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। कोरोना के संकट से जूझ रहे मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री नहीं होने पर शिवराज सिंह चौहान विरोधियों की आलोचना का शिकार हो रहे थे। इसके बाद उन्होंने सरकार बनाने के करीब महीने भर बाद मंगलावर को अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया था।
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत मंत्री बने हैं। मंत्री बनाए गए पांचों नेता पहले भी शिवराज और कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं। सिलावट कांग्रेस की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन मंत्री थे। शिवराज की पिछली सरकार में नरोत्तम मिश्रा जनसंपर्क मंत्री और कमल पटेल चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। मीना सिंह महिला और बाल विकास राज्य मंत्री रह चुकी हैं।
सबसे उम्रदराज मंत्री सबसे अमीर, युवा मंत्री के पास सबसे कम संपत्ति: शिवराज की नई कैबिनेट में सिलावट सबसे उम्रदराज मंत्री हैं। वे सरकार में सबसे अमीर मंत्री भी हैं। 65 साल के सिलावट के पास 8.26 करोड़ रुपए की संपत्ति है। वहीं, कैबिनेट की सबसे युवा मंत्री 48 वर्षीय मीना सिंह के पास सबसे कम 1.67 करोड़ की संपत्ति है।
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शिवराज ने 23 मार्च को शपथ ली थी
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके गुट के विधायकों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कमलनाथ की सरकार 20 मार्च को गिर गई। शिवराज ने 23 मार्च को राजभवन में सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना संकट को देखते हुए उन्होंने अकेले शपथ ली थी। बिना मंत्रिमंडल वे सबसे लंबे समय तक सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री बन गए थे। हालांकि, इस बीच उन पर कोरोना संकट की अनदेखी के आरोप लगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश देश का इकलौता राज्य है, जहां कोरोना संकट के बावजूद कोई स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री नहीं है।