15 साल पहले हम उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के पांची गांव से गुड़गांव रहने आए थे। पहले कभी लगा ही नहीं कि इस शहर में हमारे साथ इस तरह का बर्ताव हो सकता है, लेकिन अब यहां रहना काफी मुश्किल है। ऐसे में शहर छोड़ना ही बेहतर लग रहा है। यह दर्द बयां किया मोहम्मद साजिद ने। साजिद उसी मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसके सदस्यों को गुरुवार शाम (21 मार्च) को 20-25 लोगों ने लोहे की रॉड व डंडों से पीटा। साथ ही, पाकिस्तान जाने के लिए कहा था।

अपने गांव या दिल्ली जा सकता है पीड़ित परिवार : साजिद ने कहा, ‘‘हम दोबारा अपने गांव लौटने या दिल्ली में शिफ्ट होने पर विचार कर रहे हैं। जब यहां एक बार हमारे साथ मारपीट हुई है तो यह दोबारा भी हो सकती है। अगर ऐसी हरकत गांव में हमारे साथ होती तो कम से कम 15-20 लोग तो हमारे समर्थन में खड़े होंगे, लेकिन गुड़गांव में हम पूरी तरह अकेले हैं।’’ बता दें कि साजिद गुड़गांव के घसोला गांव में फर्नीचर रिपेयरिंग शॉप चलाते हैं। उन्होंने धुमसापुर गांव की भूप सिंह नगर कॉलोनी में 3 साल पहले अपनी पत्नी और 6 बच्चों के लिए मकान बनाया था।

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होली के दिन हुई थी घटना : भौंडसी थाने में दर्ज शिकायत के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई, जब साजिद के कुछ रिश्तेदार होली के दिन उनसे मिलने आए थे। साजिद के भतीजे दिलशाद ने पुलिस को बताया कि विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब घर के पास एक प्लॉट में क्रिकेट खेल रहे परिवार के लड़कों से 2 लोगों ने बदतमीजी की। उन लोगों ने बच्चों से कहा, ‘‘तुम यहां क्या कर रहे हो? पाकिस्तान जाओ और वहां खेलो।’’ दिलशाद का आरोप है कि साजिद ने विरोध जताया तो बाइक सवार एक शख्स ने तमाचा जड़ दिया।

अचानक हो गया हमला : कुछ ही देर में दोनों युवकों के साथ काफी लोग रॉड, तलवार  व डंडे लेकर आ गए और पीड़ित परिवार के घर में जबरन घुस आए। आरोपियों ने मुस्लिम परिवार के सदस्यों को जमकर पीटा और कीमती सामान चोरी कर लिया। छत पर मौजूद पीड़ितों ने इस घटना का वीडियो बना लिया। उन्होंने छत का दरवाजा बंद करने की भी कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उसे तोड़ दिया। इस वीडियो में कुछ लोगों का एक ग्रुप एक शख्स को रॉड व डंडों से पीटता नजर आ रहा है। वहीं, दूसरा युवक एक कोने में पड़ा हुआ था। उस दौरान 2 महिलाएं हमलावरों से रुकने की गुहार लगा रही थीं। उन्होंने आरोपियों से कहा, ‘‘आप हमारे घर में क्यों आ रहे हो? हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं। बच्चों को मत पीटो।’’

वे काफी ताकतवर लोग हैं: इस घटना में दिलशाद के बाएं हाथ में फ्रैक्चर हुआ है। उसने दावा किया कि यह बेवजह किया गया हमला था। वे लोग कह रहे हैं कि हमने उनसे बुरा-भला कहा था, जो कि गलत है। हम उन लोगों के साथ लड़ ही नहीं सकते। वे काफी ताकतवर हैं और उनके पास काफी जमीन है। हम गरीब हैं और हमारे पास छोटे मकान हैं। हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं?

हमारे बच्चों को भी पीटा गया : दिलशाद ने कहा, ‘‘जो लोग सोचते हैं कि हमने कुछ कहा था, क्या वे यह भी सोचते हैं कि हमारे बच्चों को पीटना उचित था? जब यह घटना हुई तो मेरा बेटा बेड के नीचे छिप गया था, लेकिन उन्होंने मेरी 4 साल की भतीजी को थप्पड़ मारे और एक साल की भतीजी को बिस्तर पर फेंक दिया। अगले दिन सुबह मेरा बेटा डरकर जागा और रोने लगा। उसे लग रहा था कि वे लोग दोबारा आएंगे और हमें पीटेंगे। मैं उससे क्या कहूं?’’

अब भी डरा रही 2 दिन पहले की घटना : साजिद ने कहा, ‘‘हमारे घर के बाहर सड़क पर पड़े कांच के टुकड़े, टूटी हुई खिड़कियां और 2 डैमेज मोटरसाइकिलें बार-बार याद दिलाती हैं कि 2 दिन पहले हमारे साथ क्या हुआ। हम 3 साल से इस मकान में रह रहे हैं और करीब 15 साल से गुड़गांव में हैं, लेकिन हमारे परिवार ने पहली बार इस तरह की घटना का सामना किया।’’ बता दें कि शनिवार को (23 मार्च ) कई राजनीतिक पार्टियों ने इस घटना की निंदा की।

2016 में बनाया था मकान : साजिद ने बताया, ‘‘पहले हम घसोला में किराए पर रहते थे और 2016 में यहां शिफ्ट हुए थे। हम हमेशा अपने काम में लगे रहे हैं और हमारे पड़ोसियों ने भी कभी परेशान नहीं किया। ये लड़के हमारे इलाके के नहीं थे। पुलिस का कहना है कि वे किसी नजदीक के गांव के थे। यह घर मेरा सपना था। मैंने अपनी जमा पूंजी और करीब 20 लाख रुपए खर्च करके यह घर बनवाया था। लेकिन अब सोचता हूं कि यहां से ज्यादा ही बेहतर है। हम यहां सुरक्षित नहीं हैं।’’