छत्तीसगढ़ में आज 208 नक्सली 153 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया और अब वो पुनर्वास की प्रक्रिया से गुज़रेंगे। बस्तर के जगदलपुर में 208 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए अपने हथियार डाल दिए। उनके हाथों में भारत के संविधान की प्रति थी।

अधिकारियों ने बताया कि इससे अबूझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो जाएगा और उत्तरी बस्तर में लाल आतंक का अंत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब केवल दक्षिणी बस्तर ही बचा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ क्षेत्र नक्सल हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं जबकि दक्षिण बस्तर में यह लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार को 120 नक्सली आत्मसमर्पण के लिए बीजापुर पहुंचे जबकि बुधवार को 50 नक्सली कांकेर जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के शिविर में पहुंचे थे। बताया गया कि ये सभी 170 नक्सली शुक्रवार को जगदलपुर में मुख्यमंत्री साय के समक्ष औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण करेंगे।

पिछले दो दिन में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण- विष्णुदेव साय

विष्णुदेव साय ने एक बयान में कहा कि पिछले दो दिन में 258 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से यह सिद्ध होता है कि आज बंदूक नहीं बल्कि विश्वास की ताकत जीत रही है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में साय ने कहा, ‘‘बीते दो दिन में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि अब बंदूक नहीं, विश्वास की शक्ति जीत रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज पर है।’’

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मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बीते 22 महीनों में छत्तीसगढ़ में 477 नक्सली मारे गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार किए गए। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े राज्य को नक्सलमुक्त बनाने के उनके संकल्प का प्रमाण हैं। साय ने कहा, ‘‘31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य अब बहुत निकट है। यह परिवर्तन हमारी ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना की सफलता का प्रमाण है।

गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ के दो सबसे प्रभावित क्षेत्रों को नक्सल मुक्त घोषित किया

इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि पिछले दो दिनों में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में 258 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ के दो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को नक्सल मुक्त घोषित किया। इसे एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए उन्होंने घोषणा की कि बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। शाह ने बताया कि पिछले दो दिन में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को नक्सली हिंसा से मुक्त घोषित किया गया

अमित शाह ने कहा, ‘‘यह बहुत खुशी की बात है कि एक समय आतंक का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब छिटपुट नक्सली केवल दक्षिण बस्तर में बचे हुए हैं, जिन्हें हमारे सुरक्षा बल शीघ्र ही समाप्त कर देंगे।’’ उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 से छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 मारे गये। ये आंकड़े 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।

बस्तर क्षेत्र में कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कांकेर जिले तथा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से सटे अबूझमाड़ क्षेत्र कभी वरिष्ठ नक्सली कैडरों का ठिकाना और गुरिल्ला प्रशिक्षण का अड्डा माना जाता था। पढ़ें- छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने किया सरेंडर

(भाषा के इनपुट के साथ)