‘बाबा… तू ये बता कि ये सब क्या कर डाला तूने, जल्दी बता’, मैंने कठोर आवाज में आसाराम बापू से पूछा… इस पर उसने जो जवाब दिया, जिसने मुझे चकित कर दिया। आसाराम ने जवाब दिया, ‘गलती कर दी, गलती कर दी मैंने।’ आसाराम मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आईपीएस अधिकारी अजय पाल लांबा ने अपनी किताब ये खुलासा किया है। इसमें बताया गया कि आसाराम के समर्थकों ने मामले की जांच कर रहे चंचल मिश्रा को आईईडी के जरिए उनके वाहन तक को उड़ाने की योजना बनाई थी।

पकड़े जाने के बाद आसाराम ने पुलिसकर्मियों से कहा था, ‘तुम ऐसा नहीं कर सकते। तुमको अभी ऊपर से ऑर्डर्स आ जाएंगे कि मुझको अरेस्ट नहीं कर सकते।’ इस दौरान आसाराम ने झांसा देने की भी कोशिश की। इसके जवाब में सुभाष (पुलिसकर्मी) ने अपनी पेंट की जेब से मोबाइल फोन निकाला और स्विच ऑफ कर लिया।

आसाराम बापू को सात साल पहले गिरफ्तार किया गया था। मगर आज भी आईपीएस अधिकारी अजय पाल लांबा कहते हैं कि उन्हें बलात्कार मामले में दोषी साबित हो चुके आसाराम के अनुयायियों के धमकी भरे फोन आते रहते हैं। इतना ही नहीं उनकी पत्नी ने एक बार कुछ दिनों के लिए अपनी बेटी को स्कूल तक भेजना बंद कर दिया था। आईपीएस अधिकारी की बालात्कार के दोषी को उसके अंजाम तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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आसाराम की सनसनीखेज गिरफ्तारी और उससे जुड़े सभी बारीक पहलुओं पर हाल में आई किताब Gunning for the Godman: The True Story Behind Asaram Bapu’s Conviction में सब लिखा गया है। ये किताब खुद अजय लांबा ने लिखी है। वर्तमान में जयपुर में एसीपी के पद पर तैनात लांबा कहते हैं कि जब से आसाराम के अनुयायियों को पता चला है कि एक किताब लिखी गई है, तो धमकी भरी कॉल आने की संख्या और भी बढ़ गई है। किताब के कुछ अंश पांच सितंबर को ऑनलाइन रिलीज किए जाएंगे।