पंजाब में कांग्रेस की आंतरिक कलह सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे पर जाकर रुकी। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। कैप्टन के इस्तीफे पर आम आदमी पार्टी ने तंज कसते हुए कहा कि गुजरात डन, उत्तराखंड डन और पंजाब भी डन। इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा एलेक्सा प्ले- ‘अनदर वन बाइट्स द डस्ट’। बताते चलें कि पंजाब में मुख्यमंत्री पद के इस्तीफे से पहले पिछले शनिवार ही में गुजरात में सीएम पद पर बदलाव करते हुए भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था। तो वहीं कुछ हफ्तों पहले उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत को हटाते हुए पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। दिलचस्प बात ये है कि तीनों राज्यों में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी तीनों ही राज्यों में जोर आजमाइश कर रही है।

पंजाब के ‘कैप्टन’ नहीं रहे अमरिंदर सिंह: पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि कुछ महीनों में तीन बार विधायकों की बैठक बुलाने के बाद उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया। इस्तीफा देने के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने साथियों और समर्थकों के साथ बातचीत करने के बाद भविष्य के कदम एवं विकल्प पर फैसला करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फिलहाल वह कांग्रेस में हैं।

पिछले शनिवार को गुजरात में हुआ था सीएम का इस्तीफा: आज से ठीक एक हफ्ते पहले 11 सितंबर को विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। यह फैसला चौंकाने वाला जरूर था लेकिन इसके पीछे की कलई खुल कर सामने नहीं आई थी। गुजरात में बिना किसी सियासी हंगामे के सीएम पद के चेहरे को बदल दिया गया था। भूपेंद्र पटेल के साथ-साथ सभी चेहरे मंत्रियों को बदल दिया गया था।

उत्तराखंड में हुआ था बदलाव: 2 जुलाई को भी ऐसा ही सियासी चहलकदमी उत्तराखंड में देखने को मिली थी। जब तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने मार्च 2021 में ही पदभार संभाला था। इस्तीफे के पीछे तर्क दिया गया था कि उन्हें 10 सितंबर तक उपचुनाव के जरिए विधानसभा पहुंचना था। कोविड महामारी के कारण उपचुनाव में देरी हो रही थी, लिहाजा पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह जिम्मेदारी पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी गई।