Delhi Pollution: दिल्ली की आबोहवा दिन ब दिन बदतर होती जा रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण को लागू कर दिया है। ग्रैप लागू होने के बाद में कई सारी पाबंदियां लग गई हैं। इसी बीच पॉल्यूशन के मामले पर जमकर सियासत भी देखने को मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी आतिशी सरकार पर जमकर हमलावर है। इतना ही नहीं उनकी खुद की पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी दिल्ली की जहरीली हवा को लेकर मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो गया है। दिल्ली पूरी तरह गैस चैंबर बन चुकी है।

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘ दिल्ली में सांस लेने मुश्किल हो चुका है। दिल्ली पूरी तरह गैस चेंबर बन चुकी है। दिल्ली में जगह जगह कूड़े को जलाया जा रहा है। ना पराली जलनी बंद हुई है, आँकड़े छिपाए जा रहे हैं। करोड़ों की लागत से CP में लगे स्मॉग टावर पर ताला लगा हुआ है। टूटी फूटी सड़कों से धूल उड़ रही है। Good Morning, उठिये आतिशी आज प्रेस कान्फ्रेंस नहीं करनी।’

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दिल्ली की सीएम आतिशी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रदूषण को लेकर प्रेस कॉफ्रेंस की है। उन्होंने कहा, ‘पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पराली जलाई जा रही है। केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। आज पूरा उत्तर भारत मेडिकल इमरजेंसी में धकेल दिया गया है। दिल्ली हो, चंडीगढ़ हो, जयपुर हो, बीकानेर हो, भोपाल हो, पटना हो, लखनऊ हो आज पूरे देश में AQI बहुत खराब, खराब, गंभीर, गंभीर प्लस है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर दिन डेटा जारी करता है। आज पूरे देश में लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं। अगर आप पराली जलाने और खेतों में आग लगाने के आंकड़े देखें, चाहे वो राजस्थान हो, हरियाणा हो, उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश हो आपको हर जगह पराली जलती हुई दिखाई देगी। केंद्र सरकार क्या कर रही है? अगर इस देश में कोई एक राज्य है जिसने पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाई है, तो वो पंजाब है।’

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सीएम आतिशी ने दिखाया डेटा

दिल्ली की सीएम आतिशी ने आगे कहा, ‘अगर आप डेटा देखें, तो 2021 में आग लगने की कुल 71,300 घटनाएं सामने आईं। पिछले साल ये घटकर 36,650 रह गई। इस साल पंजाब में सिर्फ 8,404 घटनाएं हुई हैं। लेकिन दूसरे राज्यों के डेटा पर नजर डालें पिछले साल के मुकाबले यूपी में पराली जलाने की घटनाओं में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल 1533 कृषि घटनाएं हुई थीं और इस साल यह बढ़कर 1926 हो गई। राजस्थान में पराली जलाई जा रही है। 2020 में पराली जलाने की करीब 430 घटनाएं हुईं और 2024 तक यह बढ़कर 1926 हो गई। देश में सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं मध्य प्रदेश में हो रही हैं। केंद्र के अपने आंकड़े कहते हैं कि 15 सितंबर से 17 नवंबर तक मध्य प्रदेश में पराली जलाने की 9,600 घटनाएं हुई हैं। जब पंजाब सरकार पराली जलाने की घटनाओं में 80 फीसदी तक कमी ला सकती है, तो दूसरे राज्यों में ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं।’