आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक नजदीक आते ही एक बार फिर पार्टी में आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक शांति भूषण और पार्टी के राष्ट्रीय नेता संजय सिंह ने एक दूसरे पर आरोप जड़े। इस बीच तय हुआ है कि पार्टी के राष्ट्रीय परिषद में कोई भी पदाधिकारी बदला नहीं जाएगा। फिलहाल पार्टी नेताओं को उनके पद के मुताबिक सेवा विस्तार दिया जाएगा। पार्टी ने यह भी तय किया है कि अबकी बार अगर शांति भूषण बैठक में नहीं आते हैं तो पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से उनकी सदस्यता खारिज की जा सकती है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय संयोजक पद पर फिलहाल अरविंद केजरीवाल बने रह सकते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के खाली पदों को भरने का फैसला भी लिया जा सकता है। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में लगभग 300 सदस्य हैं, जबकि कार्यकारिणी में 14 सदस्य हैं। सात विधायक पार्टी के सदस्य हैं, जिन्हें वोट देने का अधिकार है। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाले जाने के बाद कार्यकारिणी की संख्या 24 से घटकर 14 रह गई है।
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक सोमवार को नरेला में होना तय हुआ है। पार्टी ने इसके लिए संस्थापक सदस्य शांति भूषण को निमंत्रित किया है। लेकिन शांति भूषण ने तमाम विवादों का जिक्र करते हुए पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शांति भूषण ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर पार्टी को खाप पंचायत करार दिया। शांति भूषण ने कहा है आप के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री पार्टी को खाप की तरह से चलाना चाहते हैं। शांति ने आरोप भी लगाया कि उनकी सरकार में कई मंत्री भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं।
यह ही नहीं भूषण ने अरविंद केजरीवाल के लालू के गले लगने को लेकर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने लालू को गले लगा कर अण्णा के सपनों को धोखा दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा कर सत्ता के गलियारे तक पहुंचे केजरीवाल ने एक भ्रष्टाचारी के साथ न केलव मंच साझा किया बल्कि भ्रष्टाचारी को गले तक लगाया। पार्टी ने शांति भूषण के बेटे व पार्टी के संस्थापकों में से एक रहे प्रशांत भूषण को न्योता नहीं दिया है। इस पर प्रशांत भूषण ने कहा है कि कुछ लोगों ने मिल कर उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त बता कर उनक ी सदस्यता खत्म कर दी थी। यह तो खाप से भी बदतर है।
यह ही नहीं प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि पार्टी में कोई पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि 300 में से 100 से ज्यादा सदस्यों को बैठक के लिए न्योता नहीं भेजा गया। जिसने भी पूछा उन्हें निलंबित कर दिया गया। अभी पिछले दिनों में ही कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है।