उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की एक अदालत में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब मामले की सुनवाई के दौरान एक महिला छह साल पूर्व मृत घोषित अपने पति से भिड़ गई और पुलिस को हस्ताक्षेप करना पड़ा। दरअसल, फतेहपुर जिले का इब्राहिम नामक व्यक्ति पिछले छह साल पहले बांदा जिले में स्थित अपनी कृषि भूमि बेचकर गायब हो गया था। उसकी पत्नी फरीदा ने जमीन खरीदने वालों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में सीआरपीसी की धारा-156 (3) के तहत प्रार्थनपत्र देकर मांग की थी कि उसके पति की हत्या कर शव गायब किए जाने की प्राथमिकी दर्ज की जाए।
गुरुवार को इसी मामले की सुनवाई चल ही रही थी, उसी समय विपक्षी गुट को लगा कि अदालत से उनके खिलाफ कथित हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश पारित हो सकता है। इसलिए विपक्षियों ने ठीक उसी समय कथित तौर पर मृत घोषित उसके पति को अदालत में हाजिर कर दिया। पति को अदालत में देख फरीदा अपना आपा खो बैठी और अपने पति को भरी अदालत से बाहर घसीटकर उसकी जम कर धुनाई की। तमाशबीनों का मजमा लग गया और अदालत को पुलिस बुलानी पड़ी। हालांकि करीब एक घंटे की अफरा-तफरी के बाद अदालत ने महिला का प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया।
पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि हंगामा कर रहे पति-पत्नी को कुछ देर के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में अपने संरक्षण में दोबारा अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद महिला का प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया है। बता दें कि यूपी के बांदा जिले की एक स्थानीय अदालत ने करंट से एक युवक की मौत के विचाराधीन मामले में गैरहाजिर चल रहे विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता एस.के. सक्सेना ने बुधवार को बताया, “देहात कोतवाली क्षेत्र के बरगहनी गांव में जनवरी 2009 में विद्युत तार टूट कर खेत में गिर गया था, जिसकी चपेट में एक युवक अखिलेश आकर झुलस गया था। बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मामले में युवक के चाचा बंशगोपाल ने तत्कालीन उपखंड अधिकारी (अब अधिशासी अभियंता, लखनऊ) प्रेमचंद्र के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (304बी) का मामला दर्ज कराया था।”
