गाय की आबादी में गिरावट से चिंतित उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इटावा, बाराबंकी और हमीरपुर में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। प्रयोग के सफल रहने पर अन्य जिलों में इसे लागू किया जाएगा। इटावा के उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदर डा. अनिल कंसल ने शुक्रवार को यहां बताया कि प्रदेश सरकार ने तीन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट योजना शुरू की है, इसमें इटावा भी शामिल है। अभी तक अमेरिका व जापान में यह ‘सीमन’ प्रयोग होता था। यहां पर सफलता मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है। अगर प्रदेश के तीन जिलों में सफलता मिली तो अन्य जिलों में भी यह योजना लागू होगी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए सेक्स सार्टेट ‘सीमन’ से विधि अपनाई जाएगी। इस विधि में 90 फीसद बछिया पैदा होने की गारंटी है। गायों की घट रही संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सेक्स सार्टेट ‘सीमन’ योजना शुरूकी है। इस योजना का लाभ पशु पालकों को जिले के सभी पशु अस्पतालों व पशु सेवा केंद्रों पर मिलेगा। अगर यह योजना सफल हुई तो जिले में जहां गायों की संख्या बढ़ेगी वहीं दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। अगर पायलट योजना प्रदेश के तीन जिलों में सफलता मिली तो अन्य जिलों में भी यह योजना लागू होगी। इटावा जिले में 26 पशु अस्पताल व 27 पशु सेवा केंद्र हैं। इन सभी स्थानों पर पशुपालकों को इस योजना का लाभ मिलेगा। पहले चरण में जिले को 950 सेक्स सार्टेट ‘सीमन’ की इस्ट्रा उपलब्ध कराई गई हैं। इस इस्ट्रा को एआइ.गन के माध्यम से गायों के गर्भाशय में कृत्रिम गर्भाधान की तरह लगाया जाएगा।
इटावा के उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदर डा. अनिल कंसल ने बताया कि सेक्स सार्टेट ‘सीमन’ योजना के लिए जिले के पशु पालकों को पशु अस्पतालों व पशु सेवा केन्द्र पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उन्हें आधार कार्ड लाना आवश्यक होगा। ऐसे किसान जिनकी गाय प्रतिदिन 12 लीटर दूध देती हैं और इन गायों में अस्पताल का टैग लगा होना आवश्यक है। वह अपनी गायों का टैग अस्पताल से लगवा लें और नियमित टीकाकरण भी अस्पतालों में जाकर करा लें। सेक्स सार्टेट ‘सीमन’ योजना में सिर्फ शंकर गाय ही लाभान्वित हो सकेंगी। यह गाय पूरी तरह से तंदुरुस्त होती हैं। दूध का उत्पादन भी अच्छा होता है। अभी तक कृत्रिम गर्भाधान द्वारा 50 फीसद नर और 50 फीसद मादा होती हैं।

