Gujrat Assembly Polls 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक है। आम आदमी पार्टी ने राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। बीजेपी गुजरात में आप को रोकने की कोशिश कर रही। नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर जो राज्य में पार्टी की एक प्रमुख चेहरा बन सकती हैं। बीजेपी उनका इस्तेमाल अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधने के लिए कर रही है। दरअसल, 4 सितंबर को बीजेपी के शीर्ष नेताओं की तरफ से मेधा पाटकर पर सबसे तेज हमला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। उन्होंने गुजरात के विरोधी के रूप में नाम से उनकी आलोचना की। ये कहते हुए कि आप ने उन्हें साल 2014 के लोकसभा चुनावों में एक बार मैदान में उतारा था और अब दोबारा मेधा पाटकर को वापस गुजरात लाएंगे।

अमित शाह ने अपने भाषण में कहा था कि “इन दिनों कुछ लोगों ने कुछ नया शुरू किया है और वो मेधा पाटकर को पिछले दरवाजे से प्रवेश कराने की कोशिश कर रहे हैं। जो राज्य की जीवन रेखा (नर्मदा बांध परियोजना) में एक बड़ी विरोधी रही है और हम नहीं चाहते कि कोई गुजरात का विरोध करे।” वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उन लोगों को याद करने की बात कही, जिन्होंने कच्छ को लगभग पांच दशकों से पानी मिलने से वंचित रखा था। उन्होंने कहा था, “हम सभी जानते हैं कि नर्मदा बांध परियोजना का विरोध करने वाले शहरी नक्सली कौन थे? उन शहरी नक्सलियों में से एक मेधा पाटकर भी थी। हम सभी जानते हैं कि ये लोग किस राजनीतिक दल से जुड़े हैं।” वहीं, 30 अगस्त को गुजरात बीजेपी ने मेधा पाटकर को अर्बन नक्सल बताते हुए उनका एक पुराना वीडियो भी पोस्ट किया था।

BJP के आरोप से Congress कर रही किनारा

दरअसल, मेधा पाटकर पर बीजेपी की आक्रमकता इस विश्वास से उपजी है कि कांग्रेस भी उनके के बचाव में नहीं उतरेगी। उस राज्य में जहां ज्यादातर लोग सरदार सरोवर बांध का समर्थन करते हैं और इसके लाभों को बताते हैं। यहां आपको बता दें कि मेधा पाटकर ने संयोग से राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ी यात्रा को अपना समर्थन दिया है जो बुधवार को तमिलनाडु से शुरू हुई थी।

सरदार सरोवर बांध के खिलाफ आंदोलन

बीजेपी के लिए मेधा पाटकर न केवल नर्मदा पर सरदार सरोवर बांध के खिलाफ आंदोलन का चेहरा हैं। बल्कि उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने साल 2002 के दंगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। अप्रैल 2002 में गुजरात दंगों के बाद एक शांति बैठक के दौरान अहमदाबाद के गांधी आश्रम में मेधा पाटकर पर हमला किया गया था। मामले में आपराधिक शिकायत में पार्टी की अहमदाबाद शहर इकाई के वर्तमान अध्यक्ष समेत 2 बीजेपी नेताओं का नाम है और मुकदमा अभी भी चल रहा है।

आमिर खान ने मेधा पाटकर का किया था समर्थन

साल 2006 में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी बांध की ऊंचाई बढ़ाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के विरोध में 51 घंटे के उपवास पर बैठे थे। संयोग से मेधा पाटकर इससे पहले ऊंचाई बढ़ाने के फैसले के खिलाफ अनशन पर बैठे थीं। उन्होंने पहले परियोजना से प्रभावित सभी लोगों के लिए उचित पुनर्वास की मांग की थी। साल 2006 में जब आमिर खान ने अपनी फिल्म फना की रिलीज से पहले मेधा पाटकर का समर्थन किया था, तो विरोध में गुजरात में फिल्म को बैन कर दिया गया था। मेधा पाटकर ने स्क्रीनिंग की अनुमति देने के लिए हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी।

AAP के टिकट पर 2014 का लड़ चुकी हैं लोकसभा चुनाव

आप ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मुंबई नॉर्थ ईस्ट से पाटकर को मैदान में उतारा था। साल 2015 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी। आप ने मेधा पाटकर के साथ लगातार जुड़ाव के बीजेपी के दावों का खंडन किया है। गुजरात में पार्टी के एक नेता ने कहा, “आप और मेधा पाटकर का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है। वे (बीजेपी) आप को बदनाम करने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह गुजरात के लोगों को गुमराह करने का एक व्यर्थ प्रयास है।”

मेधा पाटकर ने AAP और BJP दोनों को ठहराया दोषी

बता दें कि 30 अगस्त को मेधा पाटकर ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बीजेपी और आप दोनों को दोषी ठहराया। पाटकर ने लिखा- साल 2014 के लोकसभा चुनाव के कुछ महीनों के भीतर ही उन्होंने आप छोड़ दी।